नई दिल्ली. गाजा (Gaza) में इजरायली (Israeli) हमले लगातार जारी हैं. मध्य गाजा के बुरीज शरणार्थी शिविर (refugee camps) और खान यूनिस को निशाना बनाया गया. इसमें कम से कम 15 लोग मारे गए हैं. इनमें ज्यादातर महिलाएं और मासूम बच्चे शामिल हैं. हमले के बाद चारों तरफ मातम पसरा हुआ है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
जानकारी के मुताबिक, इजरायली सेना ने पहले मध्य गाजा के बुरीज शरणार्थी शिविर को निशाना बनाया. यहां जमकर बमबारी की गई. इसमें 9 लोगों की मौत हुई. इनमें दो महिलाएं और दो बच्चे भी मारे गए. सभी के शवों को दीर अल-बलाह लाया गया, जहां से उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया.
इस हमले में कई लोग घायल भी हुए हैं. दूसरे हवाई हमले में इज़रायली सेना ने दक्षिणी गाजा के खान यूनिस को निशाना बनाया. यहां हुए हवाई हमले में कम से कम 6 लोग मारे गए. इनमें एक महिला और दो बच्चियां शामिल थीं. हमले के बाद जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसनें धुएं गुबार देखा जा सकता है.
हमास और इजरायल के बीच हमले को 9 महीने से ज़्यादा हो गए हैं. ये संघर्ष अब भी जारी है. इजरायली हमले में अबतक करीब 39 हजार फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. लाखों लोग बेघर हो गए हैं. मानवीय संकट भी हर दिन गहराता जा रहा है. लेकिन सीजफायर के आसार अभी नजर नहीं आ रहे हैं.
हालांकि, एक राहत देने वाली खबर है. इस हफ्ते चीन की राजधानी बीजिंग में हमास और फतह के बीच सुलह को लेकर एक अहम बैठक होने जा रही है. माना जा रहा है कि चीन की कोशिशों से ये फिलिस्तीनी गुटों के बीच एकजुटता लाने में साबित हो सकता है. इससे राजनीतिक विभाजन भी खत्म हो सकेगा.
दरअसल, चीन के फिलिस्तीन के कई दलों और गुटों के साथ अच्छे संबंध हैं. लिहाजा इनके बीच एकजुटता से गाजा समेत पूरे फिलिस्तीन में साकारात्मक नतीजे आ सकते हैं. इस सुलह वार्ता का मकसद भी यही है कि हमास और फतह के बीच राजनीतिक विभाजन को खत्म किया जा सके.
इससे फिलिस्तीन और इजरायल के बीच चल रही जंग को रोका जा सकता है. फिलिस्तीनी राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन फतह इजरायली कब्जे वाले वेस्ट बैंक में आंशिक प्रशासनिक नियंत्रण रखता है. लेकिन साल 2006 के फिलिस्तीनी विधायी चुनाव के बाद से हमास और फतह के बीच कड़वाहट आई है.
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