यरूशलम: इजराइल की सेना ने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वह हमास के खिलाफ युद्ध के दो उद्देश्यों को एक साथ प्राप्त कर सकता है, जिसमें गाजा पट्टी से आतंकवादियों की हुकूमत को उखाड़ फेंकना और इजराइल से अगवा किए गए करीब 230 बंधकों को रिहा कराना शामिल है. सेना ने गाजा पट्टी पर हवाई हमले और जमीनी आक्रमण तेज कर दिए हैं, जिससे बंधकों के परिवारों की चिंता बढ़ती जा रही है कि इसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं. ऐसा लगता है कि गाजा में इजराइली बंधकों को रिहा कराने के लिए हमास से बातचीत करने की आवश्यकता पड़ेगी.
हमास ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमला कर 1,400 से अधिक लोगों की हत्या कर दी थी, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच युद्ध छिड़ गया. हमास नियंत्रित गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइल की जवाबी कार्रवाई में अब तक 7,700 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं. इजराइल की सरकार ने अभी यह नहीं बताया है कि बचाव अभियान कैसे चलाया जाएगा. शनिवार देर रात को टेलीविजन पर दिए संबोधन में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बंधकों के परिवार की पीड़ा को स्वीकार किया और वादा किया कि उनकी रिहाई हमास को खत्म करने के उद्देश्य के साथ इजराइल के युद्ध का ‘‘अभिन्न’’ हिस्सा है.
हमास के नेता कुछ इजराइली नागरिकों को छोड़ने के लिए मध्यस्थ मिस्र और कतर के साथ बातचीत कर रहे हैं. अभी तक चार बंधकों को रिहा किया गया है. हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई की चिंता शनिवार को चरम पर पहुंच गई, जब इजराइल ने अपने हवाई हमले तेज कर दिए और भारी गोलाबारी के साथ गाजा में सेना भेज दी. तेल अवीव में इजरइाल के रक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने नेतन्याहू और अन्य अधिकारियों ने उनके प्रियजनों के भविष्य के बारे में ध्यान रखने की मांग की.
इसके बाद नेतन्याहू ने पीड़ित परिवारों से शनिवार को मुलाकात की और बंधकों को घर वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास करने का आह्वान किया. रक्षा मंत्री याओव गैलेंट ने पीड़ित परिवारों से रविवार को मुलाकात करने का वादा किया. हमास ने शनिवार को इजराइल को सभी फलस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले में गाजा में बंधक बनाए लोगों को छोड़ने की पेशकश दी. फलस्तीनी अपने कैदियों को स्वतंत्रता सेनानी मानते हैं. इजराइल का कैदियों की अदला-बदली का लंबा इतिहास रहा है. उसने 2011 में गाजा में अगवा किए गए सैनिक गिलाद शालित के बदले में 1,000 से अधिक फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया था.
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