नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच दुश्मनी जगजाहिर है। ऐसे में इजरायल सऊदी अरब से दोस्ती के लिए लालायित है। इसी बीच अमेरिका ने भी अपने परंपरागत दोस्त सऊदी अरब से दोस्ती को पहले की तरह पटरी पर लाने की कवायदें शुरू कर दी हैं। सऊदी अरब और अमेरिका की दोस्ती यूं तो काफी अच्छी और परंपरागत है। लेकिन हाल के समय में चीन से सऊदी अरब की करीबी बढ़ती दिखाई देने के बाद अमेरिका डैमेज कंट्रोल करना चाहता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन को सऊदी अरब से दोस्ती प्रगाढ़ करने की जिम्मेदारी सौंपी है। जाहिर है इससे इजरायल को फायदा होगा, क्योंकि अमेरिका और इजरायल परंपरागत दोस्त हैं। वहीं अमेरिका भी चाहता है कि सऊदी अरब और इजरायल में किसी भी तरह से समझौता हो जाए, जिसका फायदा आगामी राष्ट्रपति चुनाव में देखने को मिल सकता है। वहीं, इजरायल भी सऊदी अरब के साथ दोस्ती के बदले 27 अरब डॉलर का निवेश पैकेज लेकर तैयार है। खास बात यह है कि इस पैकेज से भारत को भी सीधा फायदा होने की उम्मीद है।
इजरायली के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि उनका देश 100 बिलियन शेकेल यानी 27 बिलियन डॉलर की धनराशि का रेल नेटवर्क बनाने को तैयार है। यह रेल लाइन सऊदी अरब के बाहरी इलाकों को सीधे इजरायल के तेल अवीव से जोड़ेगा। यह घोषणा सऊदी अरब और इजरायल के बीच औपचारिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए पिछले हफ्ते शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों के सऊदी अरब की यात्रा के बाद की गई है। साप्ताहिक इजरायली कैबिनेट की बैठक को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने देश में लंबे समय से जारी संवैधानिक संकट को दरकिनार करते हुए विदेश नीति पर जोर दिया। इस संकट ने सात महीनों से इजरायल को परेशान कर रखा है।
नेतन्याहू ने बैठक के दौरान वन इजरायल प्रोजेक्ट सहित बुनियादी ढांचा परियोजना पर ज्यादा जोर दिया। उन्होंने टीवी पर प्रसारित अपने बयान में कहा कि मैं यह जोड़ना चाहूंगा कि भविष्य में हम इलियट से भूमध्य सागर तक रेल के जरिए माल ढोने में सक्षम होंगे और इजरायल को सऊदी अरब और अरब प्रायद्वीप से ट्रेन के जरिए जोड़ सकेंगे। इस परियोजना पर हम तेजी से काम कर रहे हैं। नेतन्याहू के इस प्रस्ताव को मोहम्मद बिन सलमान की उस महत्वकांक्षी योजना में सहायक बताया जा रहा है, जिसके जरिए वे 2030 तक सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में बदलाव का सपना देख रहे हैं।
अमेरिका अपनी खाड़ी देशों की नीति में भारत की भूमिका को अहम मानता है। यही कारण है कि खाड़ी देशों में चीन के प्रभाव को खत्म करने के लिए अमेरिका ने भारत को अपना साथी बनाया है। भारत की तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमेरिका, सऊदी अरब और यूएई के अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक की है। व्हाइट हाउस चाहता है कि भारत सऊदी अरब और यूएई में रेल लाइन बिछाए। अगर इजरायल से लेकर सऊदी अरब तक रेल नेटवर्क बन जाता है तो भारत को खाड़ी देशों के साथ व्यापार में बड़ा फायदा होगा।
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