नई दिल्ली। फिलिस्तीनी इलाकों (Palestinian territories) को लेकर दिए गए अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (International Criminal Court) के फैसले के बाद इजरायल (Israel) भारत से मदद की आस लगा रहा है। इजरायल लगातार भारत को अदालत के इस फैसले के खिलाफ खड़े होने पर जोर दे रहा है। फिलहाल पश्चिम एशिया में बड़े परिवर्तनों के बीच अपनी राह खोज रहा भारत दोनों पक्षों को लेकर कुछ भी कहने से बच रहा है। इजरायल भारत की तरफ से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने के कयास लगा रहा है।
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखा है। वे इस पत्र के जरिए भारत से फैसले के खिलाफ खड़े होने की मांग कर रहा है। साथ ही इजरायल ने ICC को ‘न्याय और सामान्य ज्ञान पर हमला रोकने का’ एक संदेश भी भेजना चाहता है। खास बात है कि नेत्यन्याहू ने हाल ही में पीएम मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताया था।
इजरायल ने ICC का फैसला आने के दो दिन बाद ही भारत को पत्र लिखा था। दिल्ली ने अभी तक इसके संबंध में कोई जवाब नहीं दिया है। द इंडियन एक्स्प्रेस को सूत्रों ने बताया कि भारत ने कूटनीतिक माध्यमों के जरिए यह साफ कर दिया है कि कोर्ट के आदेश और फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता है। क्योंकि वह रोम संविधि का सदस्य नहीं है। इजरायल भी इस संविधि का सदस्य नहीं है।
इजरायल भारत की तरफ से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहा है। खासतौर से तब जब यह फैसला कश्मीर और दूसरे मुद्दों पर भी असर डाल सकता है। इजरायल ने लिखा है ‘हमारी आंख बंद कर लेने का मतलब यह नहीं कि कोर्ट है ही नहीं।’ खास बात है कि ICC की स्थापना प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने भारत ने रोम संविधि मानने से बचता रहा है। भारत को इस बात का डर है कि ICC कश्मीर और उत्तर-पूर्व जैसे मामलों में अपनी न्याय प्रक्रिया चलाएगा, जो कि एक आंतरिक मामला है।
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