येरुसलम (Jerusalem)। इस्राइल और हमास (Israel- Hamas War) का हिंसक संघर्ष पिछले साल शुरू हुआ था। सात अक्तूबर, 2023 को इस्राइल (Israel) पर हमास के हमले (Hamas attacks) के बाद इस्राइल डिफेंस फोर्सेज (Israel Defense Forces- IDF) के जवान गाजा पट्टी (Gaza Strip) पर हमास के आतंकी ठिकानों पर लगातार बमबारी कर रहे हैं। हिंसक संघर्ष में पिछले 107 दिनों में 25 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 178 लोगों की मौत हो चुकी है। शव बरामद होने के अलावा 300 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर भी सामने आई है।
पिछले 24 घंटे में 178 शव; 300 लोग घायल
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि इस्राइल और हमास शासकों के बीच तीन महीने से अदिक समय से युद्ध हो रहा है। हजारों फलस्तीनी लोगों की मौत हुई है। आंकड़ा 25 हजार से अधिक हो चुका है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक इस्राइल-हमास युद्ध में महिलाएं और बच्चे मुख्य पीड़ित हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किद्रा के मुताबिक बीते 24 घंटे में गाजा के अस्पतालों में कम से कम 178 शव और लगभग 300 घायलों को लाया गया।
मरने वाले और घायलों की संख्या
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक सात अक्तूबर से शुरू हुए संघर्ष में अब तक 25,105 फलस्तीनी लोगों की मौत हुई है। 62,681 लोग घायल हुए हैं। अल-किद्रा के मुताबिक इस्राइली हमलों की चपेट में आए कई लोग मलबे के नीचे भी दबे हो सकते हैं। कई इलाकों में चिकित्सा सहयता नहीं पहंचाई जा सकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि मारे गए लोगों में लगभग दो-तिहाई महिलाएं और नाबालिग शामिल हैं। हमास के लड़ाकों की अलग संख्या नहीं बताई गई है।
IDF की कार्रवाई में कितने मारे गए
इस्राइली सेना के मुताबिक उसने लगभग 9000 आतंकियों को ढेर कर दिया है। हालांकि, उसने इसका कोई प्रमाण नहीं दिया है। सघन आबादी और आवासीय इलाकों में युद्ध के कारण हताहतों में आम लोगों की संख्या काफी अधिक है। इस्राइली सेना (IDF) के मुताबिक हमले की शुरुआत के बाद 195 सैनिक मारे गए हैं। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को जड़ से मिटाने तक हमला बंद नहीं करने की कसम खाई है। इस्राइल के मुताबिक लगभग 130 लोग हमास के कब्जे में हैं। अनुमान के मुताबिक लगभग 100 लोग ही जीवित बचे हैं।
युद्धग्रस्त इस्राइल में मानवीय संकट गहराया
हमास के हमलों के बाद इस्राइली सेना ने तीन सप्ताह तक गाजा के कथित आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए। इसके बाद उत्तरी गाजा में जमीनी हमलों का दौर शुरू हुआ। इस्राइली सेना की कार्रवाई में लगभग पूरा इलाका तबाह हो चुका है। फिलहाल, दक्षिणी गाजा में खान यूनिस और मध्य गाजा में शरणार्थी शिविरों पर हमले किए जा रहे हैं। 1948 में इस्राइल गठन के समय से ही शरणार्थी शिविर हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक गाजा की लगभग 85 फीसदी आबादी अपने घरों को छोड़कर भाग चुकी है। हजारों लोग दक्षिणी हिस्से में संयुक्त राष्ट्र के आश्रय और शिविर में शरण लिए हुए हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ-साथ रेस्क्यू में लगे यूएन अधिकारियों के मुताबिक 2.3 मिलियन की एक चौथाई आबादी भूख से मर रही है। युद्धग्रस्त इलाकों में मानवीय सहायता पहुंचाने में भी देरी हो रही है।
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