येरुसलम (Jerusalem)। पश्चिम एशिया (West Asia) में इस्राइल और हमास (Israel and Hamas War) के बीच हिंसक टकराव का दौर जारी है। पिछले साल सात अक्तूबर से शुरू हुई लड़ाई में अब तक 30 हजार से अधिक लोगों (More than 30 thousand people) की मौत हो चुकी है। ताजा घटनाक्रम में 104 लोगों की मौत की बात सामने आई है। इस्राइली डिफेंस फोर्स (Israeli Defense Force.- IDF) के मुताबिक 104 लोगों पर कार्रवाई उस समय हुई ये लोग मानवीय सहायता (humanitarian aid) की बाट जोह रहे थे। बता दें कि गाजा पट्टी भौगोलिक रुप से दुनिया की सबसे सघन आबादी वाला भू-भाग है। अनुमान के मुताबिक करीब 20 लाख लोग यहां रहते थे। सात अक्तूबर को युद्ध की शुरुआत के बाद से बड़ी संख्या में लोगों का विस्थापन भी हुआ है।
पश्चिम एशिया में बीते साढ़े चार महीने से अधिक समय से जारी हिंसक संघर्ष के कारण 30 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हमास और इस्राइल के युद्ध के कारण अभूतपूर्व मानवीय संकट उपजा है। महिलाओं और बच्चों पर भी बुरा असर पड़ा है। ताजा घटनाक्रम गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, उत्तरी गाजा में कमाल अदवान और अल-शिफा अस्पतालों में डिहाइड्रेशन और कुपोषण के कारण छह बच्चों की मौत हुई है। कई अन्य की हालत गंभीर है। हमास के वरिष्ठ अधिकारी बासम नईम के हवाले से अल जज़ीरा की रिपोर्ट में बताया गया कि इस्राइल के साथ युद्धविराम समझौता फिलहाल मुश्किल दिख रहा है। दोनों पक्षों को लंबा रास्ता तय करना बाकी है।
हालात कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि संयुक्त राष्ट्र ने भी गाजा की दयनीय स्थिति को रेखांकित किया है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम ने चेतावनी दी है कि उत्तरी गाजा में इन दिनों अकाल के हालात हैं। गाजा के लोग भुखमरी से कुछ ही कदम दूर हैं, क्योंकि यहां खाने के लाले पड़ने लगे हैं। उधर, गाजा में कोई भी मदद पहुंचते ही लोग उसे लूटने में जुट जाते हैं, इस कारण 23 जनवरी से यहां कोई सहायता भी नहीं पहुंच रही है। गाजा पट्टी में गंभीर मानवीय आपातकाल सामने आने के बाद से वहां की मुख्य संयुक्त राष्ट्र सहायता एजेंसी इससे निपटने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। संयुक्त राष्ट्र ने अन्य देशों से भी सख्त जरूरत वाले हजारों फलस्तीनियों तक मदद पहुंचाने का आह्वान किया।
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