नई दिल्ली. इजरायली सेना (Israeli Army) का ये मानना है कि ईरान (Iran) के आतंकी समूहों यानी हमास (Hamas), हिज्बुल्लाह (Hezbollah) और सीरिया (Syria) में बशर-अल असद की सरकार गिराने के बाद वह ईरान के परमाणु केंद्रों (nuclear centers) को निशाना बना सकता है. इजरायल इसे ऑपर्च्यूनिटी के तौर पर देख रहा है. इजरायल तेजी से अपनी तैयारियों को पूरा कर रहा है.
इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) का मानना है कि ईरान इस समय अलग-थलग पड़ा है. इसकी वजह सीरिया में असद की सरकार का गिरना है. उसके आतंकी समूहों का कमजोर होना है. इससे नाराज ईरान परमाणु बम बनाने का प्रयास कर सकता है. ऐसे में इजरायल उसके न्यूक्लियर ठिकानों को नष्ट करके ये संभावना भी खत्म करना चाहता है.
ईरान ने हमेशा ही इस बात से इनकार किया है कि उसके पास परमाणु हथियार हैं. या उसका मकसद किसी तरह के स्पेस वेपन को तैयार करने का है. उसकी परमाणु गतिविधियां सिविलियन कार्यों के लिए हैं. लेकिन अमेरिकी खुफिया एजेंसियों और IAEA का मानना है कि ईरान ने 2003 से ही मिलिट्री परमाणु प्रोग्राम शुरू कर दिया था.
पहले भी टारगेट थे न्यूक्लियर सेंटर, अब भी हैं
तब से ईरान लगातार सिविलियन जरूरतों के अलावा भी परमाणु प्रोग्राम चला रहा है. इस्लामिक रिपब्लिक देश ने कभी भी अपने परमाणु हथियारों के सपने को छोड़ा नहीं है. इसका प्रोग्राम ईरान के किलेबंद पहाड़ों के नीचे चल रहा है. ईरान भी लगातार इजरायल की बर्बादी चाहता है. वह लगातार खुद या अपने आतंकी समूहों के जरिए इरजायल पर मिसाइल हमले करता या करवाता रहा है. इसलिए वह अपने बचाव के लिए परमाणु प्रोग्राम चला रहा है. इजरायल ने ईरान के कई मिलिट्री फैसिलिटी को निशाना बनाया है. फिर बना सकता है.
सीरिया को पार करके ईरान पर हमला हुआ आसान
सीरिया में इजरायल के हमले ने एयर सुपीरियरिटी दिखाई. एक दशक के बाद इजरायल ने सीरिया के सभी एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा देते हुए हमला किया. ईरान द्वारा सप्लाई किए जा रहे हथियारों को नष्ट किया. 48 घंटे के अंदर इजरायल ने सीरिया की पूरी मिलिट्री ध्वस्त कर दिया. सीरिया में एयर डिफेंस सिस्टम बर्बाद होने के बाद अब इजरायल के पास ईरान तक हमला करने के लिए खुला आसमान मिल गया है. वह बिना रोकटोक के सीरिया को पार करके ईरान के न्यूक्लियर साइट पर हमला करके लौट सकता है.
सीरिया में तैनात 86% रूसी एयर डिफेंस सिस्टम बर्बाद
इजरायली एयरफोर्स ने सीरिया के 86 फीसदी एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया है. इसमें 107 एयर डिफेंस सिस्टम और 47 राडार शामिल हैं. जिसमें कम से मध्यम दूरी के SA-22 यानी पंतसिर-एस1 और रूस से मिले SA-17 मीडियम रेंज एयर डिफेंस सिस्टम भी शामिल हैं. जिन्हें बक बुलाया जाता है. दोनों ही एयर डिफेंस सिस्टम रूस ने बनाए हैं. ये सिस्टम सीरिया और हिज्बुल्लाह की प्रोटेक्शन के लिए लगाए गए थे.
हिज्बुल्लाह करना चाहता है सीरियाई हथियारों का इस्तेमाल
जो थोड़े बहुत एयर डिफेंस सिस्टम सीरिया में बचे हैं, उनसे इजरायली एयर फोर्स को कोई बड़ा खतरा नहीं है. अब इजरायली एयर फोर्स आराम से सीरिया के आसमान में उड़ान भर सकती है. जबकि इससे पहले इजरायल सीरिया के ऊपर सीधे उड़ान नहीं भर सकती थी. इस समय हिज्बुल्लाह के लड़ाके असद की मदद करने के लिए एकजुट हो रहे हैं. वो सीरियाई सरकार के बचे हुए हथियारों का इस्तेमाल इजरायल के खिलाफ करना चाहते हैं. इजरायल के हमले में सीरिया के 27 फाइटर जेट्स, 24 हेलिकॉप्टर्स और सैकड़ों मिसाइलें बर्बाद हो चुकी हैं. इसके अलावा सीरिया के 15 जंगी जहाजों को भी इजरायल ने डुबो दिया.
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