येरुसलम (Jerusalem)। ईरान ( Iran) ने सीरिया में अपने वाणिज्य दूतावास (Consulate in Syria) पर हमले के जवाब मे इस्राइल (Israel) पर 300 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलों (More than 300 drones and missiles) से हमला किया। हालांकि, ईरानी हवाई हमले इस्राइल (Israel) पर ज्यादा प्रभाव डालने या कोई नुकसान पहुंचाने में विफल रहे। दरअसल, इस्राइल वायु रक्षा प्रणालियों (एयर डिफेंस सिस्टम) (Israel Air Defense Systems) ने उन्हें हवा में नष्ट कर दिया।
अमेरिका स्थित प्रकाशन पोलिटिको की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस्राइल पर तेहरान के हवाई हमले में कई बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल शामिल थीं। ड्रोन विस्फोटक से भरे हुए थे। लेकिन एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें हवा में ही रोक दिया और हमले के प्रभाव को सीमित कर दिया। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस्राइल के एंटी-बैलिस्टिक एरो सिस्टम और आयरन डोम सिस्टम ने लक्षित हमलों को नियंत्रित करने में मदद की। लक्षित हमलों को नियंत्रित करने में इस्राइल के पश्चिमी सहयोगियों अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के बीच करीबी सहयोग ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रिपोर्ट के मुताबिक, ईरानी हमले में इस्राइल के दक्षिण में नेवातिम एयर बेस मामूली रूप से क्षतिग्रस्त हुआ। जबकि एक सात वर्षीय लड़की इंटरसेप्ट की गई मिसाइल के टुकड़ों से घायल हुई। हालांकि, ईरानी सेना ने दावा किया कि उसने अपने सभी उद्देश्यों को हासिल किया। वहीं, इस्राइल ने कहा कि तेहरान की ओर से 185 ड्रोन, सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें और 36 क्रूज मिसाइलें दागी गईं। इनमें से अधिकांश हथियार ईरान, इराक और यमन से लॉन्च किए गए थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) ने इस हमले को अभूतपूर्व बताते हुए निंदा की और कहा कि एक अमेरिकी विमान और दो अमेरिकी विध्वंसक विमानों को एक अप्रैल को ईरानी वाणिज्य दूतावास पर इस्राइली हमले के मद्देनजर क्षेत्र में भेजा गया था। ब्रिटेन और फ्रांस ने भी हमले को रोकने में मदद की।एक अमेरिकी अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि अमेरिकी युद्धपोतों ने पूर्वी भूमध्य सागर में कम से कम तीन बैलिस्टिक मिसाइल को मार गिराया। अमेरिकी बलों ने कथित तौर पर 70 हमलावर ड्रोन भी इंटरसेप्ट किए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वॉशिंगटन को आशंका थी कि इस्राइल द्वारा दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाने के बाद हमला हो सकता है। इसी के मद्देनजर पिछले हफ्ते युद्धपोतों को तैनात किया गया था। यूएसएस आइजनहावर विमानवाहक पोत और तीन अन्य युद्धपोतों को उत्तरी लाल सागर और इस्राइल के पास तैनात किया गया था।
अमेरिका और ब्रिटेन की सहायता से तैयार बहुस्तरीय वायु-रक्षा प्रणाली काफी कारगर साबित हो रही है। यह प्रणाली पिछले छह महीनों से हमास के खिलाफ जारी जंग के दौरान जानमाल को कोई गंभीर क्षति रोकने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है। इस्राइल की वायु-रक्षा प्रणाली 2400 किलोमीटर दूर से ही खतरे की पहचान करने में सक्षम है। इस्राइल की इसी बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली पर एक नजर…
द एरो : अमेरिका की साथ मिलकर विकसित प्रणाली एरो लंबी दूरी की मिसाइलों को रोकने में सक्षम है। यह बैलिस्टिक मिसाइलों हमलों से बचाने में भी सक्षम है, जिसे ईरान ने शनिवार को लॉन्च किया था।
डेविड स्लिंग: अमेरिका के साथ ही मिलकर विकसित डेविड स्लिंग का मध्यम दूरी की मिसाइलों के हमले रोकने में कारगर है, जो लेबनान में हिजबुल्लाह के पास मौजूद हैं।
पैट्रियट: अमेरिका निर्मित यह मिसाइल रक्षा प्रणाली इस्राइल के पास दशकों से मौजूद है। इनका उपयोग 1991 में प्रथम खाड़ी युद्ध के दौरान सद्दाम हुसैन शासित इराक की तरफ से दागी गई स्कड मिसाइलों को रोकने के लिए किया गया था। अभी इसे ड्रोन और विमानों को मार गिराने में इस्तेमाल किया जाता है।
आयरन डोम: अमेरिका के सहयोग से इस्राइल में विकसित यह प्रणाली कम दूरी के रॉकेटों को मार गिराने में माहिर है। इनकी सफलता दर 90 फीसदी है। पिछले दशक के शुरू से अब तक यह हमास और हिजबुल्ला के हजारों रॉकेट हमले नाकाम कर चुकी है।
आयरन बीम: इस्राइली संभावित हमलों को रोकने के लिए लेजर तकनीक आधारित नई प्रणाली विकसित कर रहा है। हालांकि, इसका इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है, पर माना जा रहा है कि यह गेम चेंजर साबित हो सकती है, क्योंकि अन्य प्रणालियों की तुलना में काफी सस्ती होगी।
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