तेल अवीव: इजरायल के विदेश मंत्री (Israeli Foreign Minister) ने नाटो (NATO) से सोमवार को तुर्की (Turkey) को निकालने का आग्रह किया। इजरायल की ओर से यह आग्रह तब किया गया है जब तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन (President Erdogan) ने धमकी दी थी कि उनका देश इजरायल में घुस सकता है। क्योंकि वह अतीत में लीबिया और नागोर्नो-काराबाख में घुस चुका है। मंत्रालय ने कहा, ‘इजरायल पर आक्रमण करने की तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन की धमकियों को देखते हुए विदेश मंत्री इजरायल काट्ज ने राजनयिकों को निर्देश दिया है कि वे सभी नाटो सदस्यों से तत्काल बातचीत करें, तुर्की की आलोचना करें और क्षेत्रीय गठबंधन (NATO) से निकालने की मांग करें।’ दरअसल नाटो का आर्टिकल 5 कहता है कि किसी भी सदस्य देश पर हमला पूरे सदस्यों पर अटैक माना जाएगा।
एर्दोगन को इजरायल ने दी धमकी
एर्दोगन के बयान के बाद इजरायली विदेश मंत्री ने उन्हें सद्दाम हुसैन कह डाला। इजरायल काट्ज ने बयान में कहा, ‘एर्दोगन सद्दाम हुसैन के नक्शेकदम पर चल रहे हैं और इजरायल पर हमला करने की धमकी दे रहे हैं। उन्हें यह याद रखना चाहिए कि वहां क्या हुआ और इसका अंत कैसे हुआ।’ उन्होंने आगे कहा, ‘इजरायल के खिलाफ आतंकी हमले करने वाले हमास मुख्यालय की मेजबानी करने वाला तुर्की हमास, हिजबुल्लाह और यमन के हूतियों के साथ ईरान की बुराई का सदस्य बन गया है।’
हमास की तरह नहीं है हिजबुल्लाह, युद्ध करने से पहले चार बार सोचेगा इजरायल
नेतन्याहू को बताया हिटलर
एर्दोगन की तुलना सद्दाम हुसैन से करने के बाद तुर्की के विदेश मंत्रालय ने भी इजरायली पीएम को हिटलर बता दिया। तुर्की ने बयान में कहा, ‘जिस तरह नरसंहार करने वाले हिटलर का अंत हुआ – उसी तरह नेतन्याहू, जिसने नरसंहार किया है, उसका अंत होगा।’ इजरायल और तुर्की कभी करीबी सहयोगी थे, लेकिन उनके बीच लगभग एक दशक से संबंध बिगड़ रहे हैं। द्विपक्षीय व्यापार अरबों डॉलर का था, जिसने कई राजनयिक विवादों का सामना किया। लेकिन अब तुर्की ने इजरायल के साथ व्यापार युद्ध के खत्म होने तक बंद कर दिए हैं।
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