नई दिल्ली. इजरायल (Israel) का गाजा (Gaza) में ताबड़तोड़ हवाई हमले (Air strikes) जारी हैं. गुरुवार को इजरायल की वायुसेना द्वारा उत्तरी गाजा में दो स्कूल पर हमला (schools) किया गया. इस हमले में 33 लोगों को मौत हो गई है. मारे जाने वालों में अधिकतर बच्चे और महिलाएं हैं. मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कुछ घायलों की स्थिति गंभीर है. जिन स्कूलों पर हमला हुआ है वो पहले ही शरणार्थियों के लिए आश्रय स्थल में बदल दिया गया था.
संयुक्त राष्ट्र ने जताई कड़ी आपत्ति
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और निर्दोष नागरिकों, विशेष रूप से बच्चों की सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया है. स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि इन हमलों में मारे गए बच्चों की उम्र 5 से 15 साल के बीच थी.
हमलों से प्रभावित परिवारों में से कई ने बताया कि वे स्कूल के भीतर आश्रय लिए हुए थे, जब अचानक जोरदार धमाके की आवाजें सुनी गईं. उस समय सभी बच्चे कक्षा में थे और पढ़ाई कर रहे थे. यह घटना न केवल गाजा के लिए बल्कि दुनियाभर के लिए एक चेतावनी है कि संघर्ष के क्षेत्रों में बच्चों की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है.
बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा पर जोर
अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों ने तुरंत युद्ध को समाप्त करने और हिंसा की चपेट में आए बच्चों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है. इस संघर्ष ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि युद्ध में सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों और निर्दोष नागरिकों का होता है.
इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध का इतिहास
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच दशकों से संघर्ष चला आ रहा है. इस संघर्ष का मूल कारण जमीन और राजनीतिक नियंत्रण है, जो वर्षों से क्षेत्रीय अस्थिरता का कारण बना हुआ है. दोनों देशों के बीच युद्ध एक बार फिर से तब तेज हो गया जब 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया. इस हमले में करीब 1200 इजरायली नागरिकों की जान चली गई.
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