यरुशलम। इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष शुरू हुए अब 19 दिन होने जा रहे हैं। हमलों में मौतों का आंकड़ा सात हजार के पार चला गया है। इस युद्ध पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई है। संयुक्त राष्ट्र (UN) में भी लगातार इस जंग को लेकर चर्चा हो रही है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मंगलवार को हो रही चर्चा में कुछ अलग हुआ। चर्चा के बीच, इस्राइल के राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस पर भड़क गए। उन्होंने उनसे इस्तीफा देने की मांग कर डाली।
संयुक्त राष्ट्र में इस्राइल के राजदूत गिलाद एर्दान ने गुतारेस से तुरंत इस्तीफा देने को कहा। एर्दान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की सामूहिक हत्या को लेकर जो समझ दिखाई है, वह संयुक्त राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त नहीं हैं। मैं उनसे तुरंत इस्तीफा देने की मांग करता हूं। ऐसे लोगों से बात करने का कोई औचित्य नहीं है, जो इस्राइल और यहूदी लोगों के खिलाफ सबसे भयावह अत्याचारों को लेकर संवेदना जताते हैं। मेरे पास शब्द नहीं है।
The shocking speech by the @UN Secretary-General at the Security Council meeting, while rockets are being fired at all of Israel, proved conclusively, beyond any doubt, that the Secretary-General is completely disconnected from the reality in our region and that he views the…
— Ambassador Gilad Erdan גלעד ארדן (@giladerdan1) October 24, 2023
इस्राइली विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव को मंगलवार को एक भाषण में की गई अपमानजनक टिप्पणियों के लिए इस्तीफा दे देना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए गुतारेस ने कहा था कि यह भी जानना जरूरी है कि हमास ने हमले बेमतलब में नहीं किए होंगे। फलस्तीन के लोग 56 वर्षों से कब्जे का सामना कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि हालांकि, फलस्तीनी लोगों की शिकायतें हमास द्वारा भयावह हमलों को सही नहीं ठहरा सकती हैं। वहीं, ये भयावह हमले फलस्तीनी लोगों की सामूहिक सजा को सही नहीं ठहरा सकते।
आतंकवाद के लिए दे रहे सफाई
इस्राइल के प्रवक्ता लियोर हयात ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के भाषण में हमास आतंकवादियों द्वारा अत्याचारों के खिलाफ बोलने के लिए उनके पास केवल एक मिनट था। जबकि आतंकवाद के लिए सफाई दे रहे थे। उन्होंने कहा कि यूएन महासचिव पीड़ितों के साथ खड़े होने की बजाय उन्हें अत्याचार के लिए दोषी ठहरा रहे हैं।
हयात ने कहा, ‘फिर कभी नहीं का संदेश की बजाय वह वास्तव में आतंकवादियों से कह रहे हैं कि आपको ऐसा करने की अनुमति है। हम आपके क्रूर आतंकवाद को स्वीकार करते हैं क्योंकि इसके लिए इस्राइल जिम्मेदार है।’
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