नई दिल्ली: बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार की खबरों के बीच चटगांव इस्कॉन पुंडरीक धाम (Chittagong ISKCON Pundarik Dham) के अध्यक्ष चिन्मय कृष्णन दास (Chinmoy Krishnan Das) को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस्कॉन मंदिर की तरफ के बताया गया कि चिन्मय प्रभु को कथित तौर पर ढाका पुलिस की जासूसी शाखा के अधिकारियों ने ढाका हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया. चिन्मय प्रभु शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर अपनी आवाज उठाते रहे हैं. शुक्रवार को ही उन्होंने रंगपुर में एक विशाल विरोध रैली को संबोधित किया था.
बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के कारण शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से वहां रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदू निशाने पर हैं. छात्र आंदोलन के दौरान हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया था. बांग्लादेश के खुलना, मेहरपुर स्थित इस्कॉन मंदिर को भी निशाना बनाया था. इस हमले को लेकर चिन्मय प्रभु ने हिंदू मंदिरों की सुरक्षा पर गहरी चिंता जताई थी. उन्होंने तब आजतक से बातचीत में कहा था, ‘चटगांव में तीन मंदिर खतरे में हैं, लेकिन हिंदू समुदाय ने मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों के साथ मिलकर अब तक उन्हें बचाया है.’
उन्होंने दावा किया था कि हिंदू समुदाय चटगांव में पुलिस और रैपिड एक्शन बटालियन से मदद के लिए अनुरोध कर रहा है लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा. चिन्मय प्रभु ने कहा था, ‘कई हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के रास्ते भारत भाग रहे हैं.’
बांग्लादेश के हिंदुओं ने अत्याचार के खिलाफ एकजुट होकर कई बार विरोध-प्रदर्शन भी किया है. अक्टूबर में चटगांव में हजारों बांग्लादेशी हिंदू अपने अधिकार और सुरक्षा की मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए थे. बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन में हजारों हिंदुओं ने हिस्सा लिया और प्रो. मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के समक्ष अपनी 8 मांगें रखी थी. प्रदर्शनकारी हिंदुओं की मांग थी कि अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के लिए तुरंत स्पीडी ट्रायल कोर्ट बनाई जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए. उनकी ये भी मांग थी कि पीड़ितों को उचित मुआवजा और पुनर्वास की सुविधा मिले.
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