उज्जैन। भरतपुरी स्थित इस्कॉन मंदिर में षड्यंत्रपूर्वक हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है तथा उन्हें सनातनी परम्परा से हटाकर गलत मार्ग पर डाला जा रहा है जिसका ब्राह्मण समाज ने विरोध किया है। इसके विरोध में पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन 28 सितंबर को दिया जाएगा। अभा युवा ब्राह्मण समाज ने यह निर्णय लिया है कि भरतपुरी स्थित इस्कॉन मंदिर में हरिनाम दीक्षा एवं ब्राह्मण दीक्षा देकर कंठी परिवर्तन कराया जाता है जो धर्म परिवर्तन की श्रेणी में आता है। मंदिर की आड़ में इस तरह के मिशन चला कर ब्राह्मण समुदाय का अपमान एवं समाज व्यवस्था को छिन्न भिन्न करने का प्रयास किया जा रहा है। इस विषय को लेकर अभा युवा ब्राह्मण समाज के संस्थापक महेश पुजारी के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक को 28 सितंबर को ज्ञापन दिया जाएगा। यह जानकारी समाज के सचिव अजय कुंडवाला ने दी।
धर्म की आड़ में होता है इस्कॉन मंदिर में व्यापार
उज्जैन में कई वर्ष पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती द्वारा इस्कॉन को गैर कानूनी ढंग से कोडिय़ों के दाम पर जमीन दी गई थी जिस पर इस्कॉन ग्रुप ने मंदिर की आड़ में होटल और रेस्टोरेंट खोल लिया। बाद में विरोध हुआ और जब प्रशासन ने नोटिस भेजे तो रेस्टोरेंट बंद किया गया लेकिन होटल अभी भी चल रहा है..इस्कॉन ग्रुप के सदस्यों द्वारा अमीर एवं धनाढ्य परिवार के लोगों को, नई उम्र के लड़के लड़कियों को गीता एवं भगवान कृष्ण के नाम पर फँसाया जाता है और उनसे बड़ी मात्रा में धन अर्जित किया जाता है। उज्जैन में इस्कॉन मंदिर करोड़ों रुपए कमा चुका है लेकिन उसका न तो कोई हिसाब किताब है और न ही दानराशि का कोई ब्यौरा दिया जाता है। यह भी आरोप है कि इस्कॉन मंदिर की संस्था एक विदेशी संस्था है और हमारे देश की राशि विदेशों में जा रही है। धर्म का चोला ओढ़कर कालेधन का व्यापार करने वाले ये लोग कब तक लोगों की भावनाओं से खेलेंगे।
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