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    खालिस्तान के पीछे ISI का गेम प्‍लान, पंजाब में ड्रग्‍स सप्‍लाई की कमाई से कनाडा में कर रहा फंडिंग

  • September 26, 2023

    नई दिल्‍ली (New Dehli) । पंजाब (Punjab)में ड्रोन के जरिए आने वाले ड्रग (Drug)से होने वाली कमाई का एक बड़ा हिस्सा कनाडा में मौजूद खालिस्तानी (Khalistani)आतंकवादियों तक जाता है. इसी पैसे के आधार पर यह खालिस्तानी आतंकवादी (Terrorist)आतंक और नशे के व्यापार (Business)को लगातार बढ़ा रहे हैं. कनाडा प्रशासन (Administration)तमाम सूचनाओं के बावजूद रहस्यमयी चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? यह अपने आप में बड़ा सवाल है. कनाडा में मौजूद खालिस्तानी आतंकवादियों और अपराधियों के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है. खुलासा यह है कि कनाडा में मौजूद आतंकवादी अपराधी गठजोड़ ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से बड़े पैमाने पर ड्रग्स पंजाब तक पहुंचाते हैं. अपने आपराधिक संबंधों के आधार पर इस ड्रग्स को आगे बेचा जाता है.


    जांच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि इस ड्रग्स को बेचने के बाद उसे उसमें से एक बड़ा हिस्सा कनाडा में बैठे आतंकवादी अपराधी गठजोड़ तक जाता है. कनाडा में बैठे यह खालिस्तानी समर्थक अपने नशीले पदार्थों का धंधा वहां भी चलाए हुए हैं. इसके अलावा कनाडा में बैठे आतंकवादी अपराधी गठजोड़ की कमाई का एक बड़ा जरिया भारत में लोगों को धमका कर उनसे जबरन वसूली भी करना है.

    …तब कनाडा ने निज्‍जर पर नहीं की थी कार्रवाई
    ड्रग्स और जबरन वसूली के आधार पर कमाए गए पैसे से अब यह आतंकवादी अपराधी गठजोड़ कनाडा में मौजूद गुरुद्वारों पर अपना कब्जा करना चाहता है, जिससे वह वहां की राजनीति में अपने कदम आगे बढ़ा सके. इसी राजनीति के चलते साल 2022 में कनाडा के एक बड़े नेता रिपु दमन सिंह मलिक की हत्या कर दी गई थी। तब आरोप लगा था कि यह हत्या कुख्यात खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर के इशारे पर की गई है. दिलचस्प यह है कि इस बाबत कनाडा प्रशासन को सूचना होने के बावजूद उन्होंने हरदीप सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टे वहां के दो स्थानीय अपराधियों को रिपु दमन सिंह मलिक की हत्या के आरोप में बंद कर दिया.

    …50 साल से चल रहा है खुल्‍ला खेल
    यह पहली बार नहीं हुआ है जब खालिस्तानी उग्रवादी या खालिस्तान चरमपंथी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, राजनीतिक वकालत जैसी धारणाओं की आड़ में इस तरह की गतिविधि कर रहे हैं. पिछले 50 सालों से कनाडा की धरती पर यह खुल्‍ला खेल चल रहा है. 1985 में खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा किया गया कनिष्क बम विस्फोट सबसे बड़े आतंकी हमले में से एक था लेकिन तमाम सूचनाओं के बावजूद कनाडाई एजेंसियां पूरे मामले में उदासीन बनी रही. जिसके कारण तलविंदर सिंह परमार और उसके खालिस्तानी चरमपंथियों का समूह खुलकर अपना काम करने लगा. तलविंदर सिंह परमार कनाडा में खालिस्तानियों के नायक हैं और सिख फॉर जस्टिस ने अपने अभियान केंद्र का नाम उनके नाम पर रखा है।

    …कनाडा में हिन्‍दुओं को नुकसान पहुंचाया गया
    साल 2016 के बाद पंजाब में सिखों, हिंदुओं और ईसाइयों की कई टारगेट किलिंग हरदीप सिंह निज्जर और उसके सहयोगियों की करतूत थी. भारत सरकार द्वारा दी गई अनेक सूचनाओं के बावजूद कनाडाई एजेंसियों ने कभी भी हरदीप सिंह और उसके दोस्तों भगत सिंह बराड़ अर्श डाला लखबीर लांडा आदि के खिलाफ कोई पूछताछ या जांच शुरू नहीं की. कनाडा में अपने बढ़ते दबदबे से उत्साहित होकर इस आतंकवादी अपराधी गठजोड़ ने भारतीय प्रवासियों में मौजूद अल्पसंख्यक हिंदुओं को खुलेआम डराना और उनके मंदिरों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है. यही नहीं कनाडा में भारतीय मिशनों और राजनयिकों की भौतिक सुरक्षा के लिए खालिस्तानियों द्वारा हाल ही में दी गई खुली धमकियां विएना कन्वेंशन के तहत कनाडा के लिए एक बहुत ही गंभीर चुनौती है. कनाडा प्रशासन की यह चुप्पी बताती है कि मानवाधिकार को नापने के लिए उसके दो अलग-अलग पैमाने हैं. जहां पंजाब में छोटे-छोटे मुद्दों पर भी कनाडा की आवाज बहुत मजबूत है, वही कनाडा में उसके यहां से चल रहा आतंकवादी अपराधी गठजोड़ पर उसकी चुप्पी बहुत सारे सवालों को खड़ा करती है।

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