नई दिल्ली: ऐसे में जब नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा हो रहा है और पूरी दुनिया की इस पर पैनी नजर है, ठीक उस वक़्त भारत विरोधी ताकतों ने मिलकर मोदी की अमेरिका की यात्रा से पहले ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. खबर है कि पाकिस्तान कि खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के इशारे पर अमेरिका में बैठे कुछ भारत विरोधी ताक़तों ने मोदी को अमेरिका द्वारा दिये जा रहे भव्य स्वागत और रेड कारपेट का विरोध करने का पूरा एक्शन प्लान तैयार किया है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री का अमेरिका दौरा 21 जून से शुरू हो रहा है. जहां एक तरफ पूरे अमेरिका में मोदी के भव्य स्वागत की तैयारी जोर शोर से चल रही है वहीं दूसरी तरफ अमेरिका में बैठे मानव अधिकार से जुड़े कुछ समूह भारत के बिगड़ते मानवाधिकारों का हवाला देकर मोदी की अमेरिका की यात्रा का विरोध करने की योजना बना रहे है.
जानकारी के अनुसार इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल, पीस एक्शन और ऐसे कई अन्य समूह एक साथ मिलकर पहले विदेशी मीडिया को संबोधित करेंगे और बाद में 22 तारीख को वाशिंगटन में BLM PLAZA यानी ब्लैक लाइफ मैटर प्लाजा पर दोपहर 12 से शाम 5 बजे तक धरना देंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ समूह वाइट हाउस के बाहर भी धरना देंगे और बाइडेन सरकार द्वारा मोदी को रेड कारपेट देने के फैसले का विरोध करेंगे.
एक हफ्ते तक चलेंगे मोदी विरोध कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के ख़िलाफ मोदी विरोधी संस्थानों ने अमेरिका में एक ओपन लेटर भी जारी किया है जिसमें भारत में रह रहे हिंदुओं द्वारा मुसलमानों और ईसाइयों को निशाने बनाने, धृणा अपराधों को बढ़ावा देने जैसी बातें कहीं गई हैं. लेटर में लिखा गया है की भारत में आज ऐसे कानून बनाये जा रहे है जो भेदभाव पूर्ण कानून है.
प्रधानमंत्री मोदी इस दौरे पर अमेरिका के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे, इस कवायद से कहीं ना कहीं मोदी वैश्विक नेता के रूप में स्थापित भी हो जाएंगे, लेकिन ऐसा ना हो इसके लिए मोदी विरोधियों ने पहले से ही अपना विलाप शुरू कर दिया है. मोदी विरोध में लगभग एक हफ्ते के ऐसे कार्यक्रमों की घोषणा की गई है जिसमें गुजरात दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म, हाउडी डेमोक्रेसी जैसे प्रोग्राम आयोजित किए जा रहे है. यहां तक कि अमेरिका के कांग्रेस मेन से इन संस्थाओं ने पत्र लिखकर मोदी के भाषण का बहिष्कार करने और भारत में मानवाधिकारों का हनन के मुद्दों को उठाने की बात लिखी गई है.
मोदी को मिल रही तवज्जो से जला पाक
अमेरिका में काम कर रहे और भारत के खिलाफ एजेंडा चला रहे इन मानवाधिकार का झंडा बुलंद करने वाली संस्थाओं का कहना है कि भारत में हिंदुत्व का वर्चस्व जिस तरह पिछले कुछ सालों में बढ़ा है उसके चलते भारत में लोकतंत्र की भावना समाप्त होती जा रही है. इन संस्थाओं के अनुसार भारत में मीडिया का फ्रीडम इंडेक्स में 161 वें पायदान पर आना ही भारत में सिकुड़ रहे मीडिया को और लोकतंत्र को दर्शाता है.
मोदी की अमेरिका की यात्रा का विरोध करने वालों में भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल, दलित सॉलिडेरिटी इंक, हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स, वर्ल्ड विदाउट जेनोसाइड, ग्लोबल क्रिश्चियन रिलीफ आदि संस्थान शामिल है. साफ है कि प्रधानमंत्री को मिल रहे सम्मान और विश्व पटल पर उनको मिलती स्वीकारता से दुश्मन देश और मोदी विरोधी ताक़तों के सीने पर साँप लौट रहा है. ऐसे में भारत का दुनिया में बज रहा डंका और न्यू इंडिया की उभरती हुई तस्वीर कुछ लोगों को रास नहीं आ रही.
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