भोपाल/नई दिल्ली/लखनऊ। भोपाल के एक डॉक्टर (Doctor) को कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) की दोनों डोज (2 doses) लगने के बाद भी कोरोना वायरस (Corona virus) ने अपनी चपेट में ले लिया था अब दिल्ली और यूपी (Delhi and UP) से ऐसी ही खबर आयी है। ऐसे में सवाल उठ रहे है कि वैक्सीन कितनी कारगर साबित हो रही है। लखनऊ में कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद भी सिविल अस्पताल का एक डॉक्टर(Doctor) कोरोना संक्रमित हो गया। इसके अलावा दिल्ली सरकार (Delhi Government) के एक अस्पताल में काम करने वाली नर्स को कोरोना वायरस की दो वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना संक्रमण हो गया है. इस नर्स ने 18 जनवरी के दिन कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ली थी. फिर 17 फरवरी को दूसरी डोज ली. लेकिन बावजूद इसके उसे कोरोना वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया है.
सोमवार के दिन दोपहर को जब ये नर्स हॉस्पिटल में अपनी ड्यूटी कर रही थी, उसी दौरान उसके शरीर में दर्द हुआ, तुरंत ही नर्स ने कोविड का रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया और वो कोरोना संक्रमित पाई गई. संक्रमित नर्स फिलहाल होम आइसोलेशन में चली गई है.
इसी तरह का मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से आया है. जहां कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद भी सिविल अस्पताल का एक डॉक्टर कोरोना संक्रमित हो गया. यूपी में ये इस तरह का पहला केस है. सिविल हॉस्पिटल के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नितिन मिश्रा कोरोना संक्रमित हो गए हैं.
नितिन मिश्रा ने 16 मार्च को कोवैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई थी. वैक्सीन की लास्ट डोज लगवाने के बाद डॉक्टर नितिन मिश्रा की तबीयत खराब हो गई. इसके बाद 20 मार्च को डॉक्टर नितिन मिश्रा ने कोरोना की जांच कराई थी, 21 मार्च को उनकी रिपोर्ट आ गई जो पॉजिटिव निकली है.
ये दोनों मामले कोरोना वैक्सीन से जुड़े इस दावे की पुष्टि करते हैं कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद भी व्यक्ति कोरोना वायरस से पूर्णतः सुरक्षित नहीं है. आपको बता दें कि देश में कोरोना वैक्सीन लगवाने का राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई गई. उसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई गई. अब तीसरी श्रेणी यानी 50 से अधिक उम्र के नागरिकों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है.
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