भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के दो वरिष्ठ नेता उमा भारती और प्रभात झा ने अचानक ट्वीटर पर खासी सक्रियता बढ़ा दी है। दोनों नेता आए दिन ऐसे ट्वीट कर रहे हैं, जिनसे सत्ता और संगठन ने दूरी बना ली है। उमा भारती ने नशामुक्ति के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने का ऐलान कर दिया है। जिससे मप्र सरकार की परेशानी बढ़ सकती है। क्योंकि मप्र सरकार जहां एक ओर सरकार की ऑनलाइन विक्री शुरू करने वाली है। वहीं उमा भारती अभियान चलाने की तैयारी में जुटी हैं। दोनों नेताओं की सक्रियता को राज्यपाल की नियुक्ति से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि केंद्र सरकार निकट भविष्य में कुछ राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति कर सकती है। उमा भारती मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री रही हैं। वे केंद्र सरकार में मंत्री और राष्ट्रीय पदाधिकारी भी रही हैं। वर्तमान में न वे सांसद हैं और न ही संगठन में कोई बड़ा दायित्व है। इसी तरह प्रभात झा भी अब सांसद नहीं रहे हैं। संगठन में भी उनके पास कोई दायित्व नहीं बचा है। हालांकि प्रभात झा ने मप्र भाजपा का अध्यक्ष रहते यह ऐलान किया था कि वे 62 साल की आयु के बाद तबेला खोलेंगे। प्रभात यह आयु पूरी कर चुके हैं। प्रदेश में चौथी बार भाजपा की सरकार बनने और सिंधिया के भाजपा में आने के बाद से प्रभात झा चुप्पी साधे हुए हैं। प्रभात झा सिंधिया के खिलाफ ही ज्यादा बोलते थे। उमा भारती भी लंबे समय से सियासी बयानों से दूरी बनाए हुए हैं। इस बीच अचानक दोनों नेताओं की सक्रियता से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों नेता उम्र के अगले पड़ाव में किसी राज्य के राजभवन जाना चाहते हैं। इससे पहले भाजपा नेताओं के लिए 60 साल की आयु का फार्मूला बना चुकी है। आयु सीमा का असर भाजपा संगठन और चुनावों में दिखाई भी दे रहा है। यही वजह है कि दोनों नेताओं अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं और वे राजभवन जाने के इच्छुक हैं। हालांक किसी भी नेता ने राज्यपाल बनने को लेकर सार्वजनिक तौर पर इच्छा जाहिर नहीं की है।
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