नई दिल्ली/मुंबई। भारत में कोरोनावायरस (coronavirus) के प्रतिदिन मिलने वाले केस लगातार नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। एक दिन पहले ही देश में कोरोना के नए मामले 2.64 लाख के पार पहुंच गए थे। पिछले 24 घंटों की बात की जाए, तो भारत में एक बार फिर कोरोना के 2.70 लाख केस मिलने का अनुमान है। हालांकि, इस बीच जो एक चौंकाने वाला ट्रेंड है, वह है मुंबई और दिल्ली (Mumbai and Delhi) में कोरोना के नए मामलों में कमी आने का। हालांकि, यह अभी साफ नहीं है कि देश की राजधानी और आर्थिक राजधानी(economic capital) में यह कमी कोरोना की पीक आ जाने की वजह से आई है या दोनों ही जगहों पर टेस्टिंग (testing) की संख्या में कमी की भी भूमिका है।
दिल्ली-मुंबई में क्या रहा है पिछले दो दिन का ट्रेंड?
दिल्ली में गुरुवार, 12 जनवरी को कोरोना के सबसे ज्यादा 28 हजार 867 केस दर्ज हुए थे। हालांकि, शुक्रवार को यह आंकड़ा 24 हजार 483 पर आ गया। यानी एक ही दिन में राजधानी में कोरोना केसों (corona cases) में करीब 20 फीसदी की कमी दर्ज की गई। उधर मुंबई में गुरुवार को कोरोना के 13 हजार 702 मामले सामने आए थे, जबकि शुक्रवार को यहां भी कोरोना के मामलों में 17 फीसदी की कमी दर्ज की गई और नए संक्रमितों का आंकड़ा 11 हजार 317 पर आ गया। इससे पहले भी मुंबई में कोरोना के केस लगातार नीचे आ रहे हैं।
क्या कहता है मुंबई और दिल्ली के टेस्टिंग और संक्रमितों के मिलने का डेटा?
टीपीआर यानी प्रति 100 टेस्ट में कोरोना संक्रमित मिलने वालों की संख्या। पिछले सात दिनों की बात की जाए तो मुंबई में यह आंकड़ा लगातार नीचे गया है। शहर में 7 जनवरी को टीपीआर 28.95 फीसदी के सबसे उच्च स्तर पर था। यानी इस दौरान मुंबई में प्रति 100 टेस्ट में करीब 29 लोग पॉजिटिव पाए जा रहे थे। हालांकि, शुक्रवार को मुंबई का टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 20.6 फीसदी पर आ गया है। यानी हर 100 टेस्ट में अब 20-21 लोग संक्रमित मिल रहे हैं। लेकिन यह आलम तब है, जब मुंबई में कोरोना के महज 54 हजार 924 टेस्ट हुए हैं, जो कि आठ दिन में टेस्टिंग की सबसे कम संख्या है।
उधर दिल्ली की बात करें तो शुक्रवार को यहां टीपीआर 30.64 फीसदी रहा। इसका मतलब यह है कि दिल्ली में हर 100 टेस्ट में 30-31 लोग संक्रमित मिल रहे थे। यह बीते महीनों में दिल्ली में टेस्ट पॉजिटिविटी की सबसे ऊंची दर है। चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली की यह ऊंची संक्रमण दर तब दर्ज हुई, जब शुक्रवार को राजधानी में सिर्फ 79 हजार 578 टेस्ट किए गए। यह आठ दिनों में हुए टेस्ट्स में दूसरी सबसे कम संख्या रही।
पुराने ट्रेंड्स को याद किया जाए तो सामने आता है कि दोनों ही शहरों में ज्यादा टेस्ट्स में संक्रमितों की संख्या भी ज्यादा मिलती है। हालांकि, मुंबई में औसत स्तर पर संक्रमितों का आंकड़ा लगातार घटता जा रहा है। यानी मुंबई के लिए माना जा सकता है कि कोरोना की तीसरी लहर की पीक आ चुकी है। लेकिन दिल्ली में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट पिछले आठ दिन में 13 फीसदी तक बढ़ गया है। यानी यहां अभी कोरोना की पीक आना बाकी है।
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