नई दिल्ली । विश्वभर के कई देशों में कोरोना (Covid 19) के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं। भारत ( India) में भी कोरोना की चौथी लहर (Coronavirus Four Wave) को लेकर आशंका व्यक्त की जा रही है। इस बीच क्रिश्चियन मेडिकल कालेज (CMC) वेल्लोर के प्रख्यात वायरोलाजिस्ट और पूर्व प्रोफेसर डॉ. टी जैकब जान (Virologist Jacob John) ने कहा है कि भारत ( India) में कोरोना की चौथी लहर की संभावना कम है। हालांकि, उन्होंने सतर्क रहने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है।
जान ने कहा कि कोरोना की चौथी लहर की संभावना कम है, लेकिन कोई भी भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि ऐसा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना की चौथी लहर की भविष्यवाणी करने के लिए कोई वैज्ञानिक और महामारी विज्ञान (epidemiological) कारण नहीं है लेकिन कोई भी भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि ऐसा नहीं होगा। मैं कह सकता हूं कि इसकी संभावना बहुत कम है।
साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि कोरोना के चौथी लहर को लेकर सतर्क रहना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस और उनके आनुवंशिक अनुक्रमों को देखते रहने की जरूरत है कि क्या कोई नया वैरिएंट दिखाई दे रहा है। यदि कोई कोरोना का नया वेरिएंट स्थानीय रूप से ओमिक्रोन को पछाड़ रहा है तो यह एक चिंता का विषय होगा।
डाक्टर जान ने यह भी कहा कि वह गणितीय माडलिंग के आधार पर वह कोरोना के लहर की भविष्यवाणी करने में विश्वास नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे समझ में नहीं आता कि मनुष्य में भय को कैसे और किन उद्देश्यों के लिए पैदा करने की आवश्यकता है। इसलिए मैं गणितीय माडलिंग के आधार पर कोरोना के लहर की भविष्यवाणी करने में विश्वास नहीं करता हूं। मैंने आपको गणितीय माडलिंग की समस्याओं के बारे में बताया था जो कंप्यूटर में टाइप टू पोलियो के टीके के साथ थी। गणितीय माडलिंग अच्छा है यदि गणितीय माडलिंग में जाने वाले सभी तत्व अच्छे हैं। इसलिए, कोरोना की लहर से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर उनसे 2020 में यह सवाल पूछा जाता कि क्या कोरोना वायरस अलग तरह से व्यवहार करता है, तो उन्होंने नकारात्मक में जवाब दिया होता। हालांकि, उन्होंने कहा कि अब वर्ष 2022 में इस वायरस के बारे में बहुत सारी जानकारी है कि यह कैसे व्यवहार करता है और इसके वैरिएंट कैसे बनते हैं।
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