नई दिल्ली। कोरोनावायरस के नए XE वेरिएंट की भारत में मौजूदगी को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) इस बात की पुष्टि के लिए आगे टेस्टिंग कर रहा है। फिलहाल, मुंबई और महाराष्ट्र में इस वेरिएंट के मरीज मिलने की खबरें सामने आई थी। INSACOG का गठन सरकार ने दिसंबर 2020 में किया था।
नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (NTAGI) के कोविड वर्किंग ग्रुप के प्रमुख डॉक्टर एनके अरोरा ने कहा, ‘XE वेरिएंट की मौजदगी का पता लगाने में 24-48 घंटों का समय लगेगा।’ INSACOG का मुख्य काम जीनोम सीक्वेंसिंग और भारत में फैल रहे वेरिएंट्स पर नजर रखना है। इस कंसोर्टियम में 38 लैब शामिल हैं।
बीते हफ्ते गुजरात में XE वेरिएंट का पहला मामला सामने आया। यहां मुंबई का एक 67 वर्षीय व्यक्ति वडोदरा यात्रा के दौरान कोविड-19 से संक्रमित पाया गया था। शनिवार को अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि यह शख्स एक महीने पहले गुजरात में ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट XE का शिकार हो गया था। गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर ने XE का पता लगाया था। इसके बाद सैंपल की पुष्टि के लिए कोलकाता स्थित लैब भेजा गया था। इस मामले की रिपोर्ट शुक्रवार को मिली।
हालांकि, अरोरा का कहना है कि अभी और टेस्ट की जरूरत है। उन्होंने बताया, ‘राज्य की लैब ने पाया कि यह XE था, सैंपल INSACOG लैब में भेजे गए हैं और नतीजे एक या दो दिन में आ जाएंगे।’ उन्होंने कोरोना के खिलाफ सावधानी नहीं बरतने को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने लोगों को मास्क समेत कई उपायों का पालन करने की सलाह दी है।
NTAGI प्रमुख ने कहा कि घबराने की बात नहीं है, क्योंकि किसी भी संदिग्ध मामले में गंभीर लक्षण नजर नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों संदिग्ध मामलों में हल्का बुखार की बात सामने आई थी और अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी थी। INSACOG के जानकार हालात की समीक्षा के लिए शुक्रवार को बैठक करने जा रहे हैं।
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