नई दिल्ली: भारत के खिलाफ आतंकियों ने एक और खौफनाक साजिश रची है और अब कश्मीर में टारगेट किलिंग के मकसद से वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है. इसके जरिए दुनिया को संदेश देने की कोशिश है कि कश्मीर में शांति स्थापित नहीं हुई है.
हालांकि हमारे सुरक्षाबल आतंकियों की हर नापाक करतूत को विफल करने में सक्षम हैं और आतंकी वारदातों का मुंहतोड़ जवाब भी दिया जा रहा है. लेकिन सवाल है कि आखिर कश्मीर में हो रही टारगेट किलिंग के पीछे कौन सा आतंकी संगठन काम कर रहा है.
टारगेट किलिंग के पीछे कौन?
इसके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का हाथ बताया जा रहा है जो इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISK) के जरिए जम्मू समेत भारत के अलग-अलग राज्यों में आतंकी वारदातों को अंजाम दिलवा रही है. ISKP की मैगजीन वॉयस ऑफ हिन्द जिसमें एक बार फिर हिन्दुस्तान के खिलाफ ISKP की साजिश का खुलासा हुआ है. मैगजीन में एक फोटो है जिसमें ठेले वाले को पीछे से गोली मारते हुए दिखाया गया है और लिखा गया है “WE ARE COMING.”
ISKP ने जम्मू कश्मीर में गोलगप्पे वाले की हत्या के बाद गोली मारते हुए वीडियो भी जारी किया है. जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर में ISKP के स्लीपर सेल फैले हुए हैं. मैगजीन में हिंदू देवी-देवताओं की त्रिशूल वाली फोटो भी है. तो क्या हिंदू मंदिर और त्योहारों को भी निशाना बनाना था. कुछ दिन पहले ही कई आतंकी पकड़े गए थे जो त्योहारों में धमाका करने की प्लानिंग कर रहे थे.
मैगजीन के जरिए दिया चैलेंज
सुरक्षा एजेंसियों ने अभी हाल में ही अलर्ट जारी किया था कि जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को आतंकी संगठन अंजाम दे सकते हैं. आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए कई छोटे-छोटे संगठन बनाए गए हैं जो हमलों के लिए टारगेट किलिंग की जिम्मेदारी लेंगे. ISKP ने मैगजीन के जरिए हिन्दुस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसियों को चुनौती दी है.
आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान ने कहा कि हमारे इतने लोग उठाकर भी भारत पर आधारित हमारी मासिक मैगजीन को नहीं रोक सके न आगे रोक पाओगे. ‘वॉयस ऑफ हिन्द’ का 21वां संस्करण जारी किया गया है और जमीयत उलेमा हिंद को लेकर इस्लामिक स्टेट ने ‘वॉयस ऑफ हिन्द’ में लेख लिखा है.
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