डेस्क: क्या सच में हम सभी लोगों के वॉट्सऐप चैट पर सरकार की नजर है? हाल के दिनों में कुछ ऐसा ही दावा करता हुआ एक पोस्ट वायरल हुआ. इसमें दावा किया गया कि सरकार इस मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर लोगों के प्राइवेट चैट्स पर नजर रख रही है और उन्हें पढ़ रही है. अगर आपके पास भी ऐसा कोई मैसेज आया है तो उस पर बिल्कुल भी यकीन न करें. सरकार ने वॉट्सऐप पर प्रसारित इस दावे का पीआईबी फैक्ट चेक नाम के अपने ऑफिशियल ट्विटर चैनल के जरिए खंडन किया है.
पीआईबी फैक्ट चेक ने इस दावे का खंडन करते हुए एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह पूरी तरह से झूठ है. इसे समझाने में मदद के लिए पीआईबी ने ट्विटर पर एक तस्वीर भी पोस्ट की है, जिसमें वॉट्सऐप पर मैसेज स्टेटस दिखाने के लिए इस्तेमाल होने वाले अलग-अलग इंडीकेशन दिखाए गए हैं. जैसे कि एक टिक मार्क का मतलब है मैसेज भेजा गया, जबकि दो ब्लू टिक का मतलब है कि मैसेज देख लिया गया है. ये तो ऐसा फीचर है, जिसके बार में लगभग सभी लोग जानते हैं.
ऐसे में वॉट्सऐप के इसी फीचर का सहारा लेकर लोगों में भ्रम फैलाने के लिए वायरल हुए उस झूठे दावे में कुछ मनगढ़ंत इंडीकेशंस जोड़े गए. इसमें कहा गया कि अगर आपके वॉट्सऐप मैसेज पर तीन ब्लू टिक दिखता है तो इसका मतलब हुआ कि सरकार ने अपने मैसेज का नोटिस लिया है. वहीं अगर दो ब्लू और एक लाल टिक दिखे तो इसका मतलब हुआ कि सरकार आपके खिलाफ एक्शन ले सकती है.
इसके अलावा, एक नीले और दो लाल टिक का मतलब है कि सरकार वह मैसेज की जांच कर रही है. वायरल मैसेज में यह भी दावा किया गया है कि मैसेज पर तीन लाल टिक दिखने का मतलब होगा कि सरकार ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है, और मैसेज भेजने वाले को कोर्ट से समन मिलेगा.
हालांकि पीआईबी फैक्ट चेक ने इस मैसेज को सरासर गलत बताया है और यह भी साफ किया कि वॉट्सएप प्लेटफॉर्म मैसेज स्टेटस के लिए रेड टिक का उपयोग नहीं करता है. इसके बजाय, यह ग्रे टिक का इस्तेमाल करता है जो रिसीवर द्वारा मैसेज पढ़ने पर ब्लू हो जाता है. इसलिए, वॉट्सएप और सरकारी निगरानी पर रेड टिक दिखाने वाली तस्वीर पूरी तरह से फर्जी है.
सरकार नहीं रखती प्राइवेट चैट पर नज़र
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि वे वॉट्सऐप या किसी दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्राइवेट चैट्स की निगरानी नहीं करते हैं. उन्होंने यह भी साफ किया कि महज पर्सनल मैसेज के कंटेंट के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. सुप्रीम कोर्ट भी अपने एक फैसले में कह चुका है कि वॉट्सऐप मैसेज का बतौर साक्ष्य कोई कानूनी वैल्यू नहीं है. इसका मतलब हुआ कि वॉट्सएप मैसेज को सबूत नहीं माना जाता है.
यहां गौर करने वाली एक और बात यह है कि वॉट्सऐप अपनी मैसेजिंग सर्विसेज़ के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन प्रदान करता है, जिसमें ग्रुप और पर्सनल चैट में भेजे गए फोटो और वीडियो भी शामिल हैं. इसका मतलब यह है कि वॉट्सऐप खुद भी चैट में शेयर किए गए कंटेंट तक नहीं पहुंच सकता है, जिससे यूजर्स की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित होती है.
इस तरह इस सभी तथ्यों से यही निष्कर्ष निकलता है कि सरकार द्वारा वॉट्सऐप मैसेजेस की निगरानी करने वाला दावा झूठा है. इसलिए ऐसे दावों पर आप बिल्कुल भी यकीन न करें और अगर कोई आपको यह मैसेज भेजता है तो उसे भी हकीकत जरूर बताएं.
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