बेंगलुरु. कर्नाटक (Karnataka) की कांग्रेस सरकार (Congress government) अब एक बार फिर मुस्लिम आरक्षण (Muslim Reservation) पर फंसती नजर आ रही है. दरअसल, ऐसी खबरें हैं कि सिद्धारमैया सरकार (siddaramaiah government) पब्लिक टेंडर (Public Tender) में मुस्लिमों को 4 फीसदी आरक्षण देने के मकसद से सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता अधिनियम में संशोधन करने जा रही है. इस संशोधन के बाद पब्लिक टेंडर में मुस्लिमों को 4 फीसदी आरक्षण मिलेगा. हालांकि, इसे लेकर अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सफाई आई है.
दरअसल कहा जा रहा है कि सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को आरक्षण देने के लिए बिल लाया गया है. लेकिन अब इस पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सफाई आई है.
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि मीडिया में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है, जिसमें कहा गया है कि सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को आरक्षण दिए जाने का प्रस्ताव पेश किया गया है. यह सच है कि इस तरह के आरक्षण की मांग की जा रही है. लेकिन यह भी स्पष्ट किया जाता है कि इस संंबध में राज्य सरकार ने इस तरह का कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया है.
The reckless appeasement politics of Congress party is crossing all limits.
After tacit support to Waqf land grabbing, CM @siddaramaiah led @INCKarnataka Govt is now planning a 4% Muslim Quota in Government Tenders.
At this rate, Karnataka will soon turn into an Islamic… pic.twitter.com/jaterFDgjT
— R. Ashoka (@RAshokaBJP) November 12, 2024
इस मामले पर अब कर्नाटक बीजेपी ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है. बीजेपी नेता आर. अशोक ने कहा कि कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीतिक सभी हद को पार कर रही है. वक्फ की जमीन हड़पने की तरकीबों को समर्थन देने के बाद कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की अगुवाई में अब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को चार फीसदी आरक्षण देने की योजना बना रही है. इस तरह तो कर्नाटक जल्द ही इस्लामिक राज्य में तब्दील हो जाएगा और यहां हिंदू दोयम दर्जे के नागरिक बनकर रह जाएंगे.
मुस्लिम आरक्षण पर पहले भी फंस चुकी है सरकार?
सिद्धारमैया सरकार मुस्लिम आरक्षण पर पहले भी फंस चुकी है. कर्नाटक में 32 फीसदी ओबीसी आरक्षण है. इसे पांच कैटेगरी- 1, 2A, 2B, 3A और 3B में बांटा गया है. कैटेगरी 1 में 391 जातियां और उपजातियां हैं, जिनमें मुसलमानों की भी 17 जातियां हैं. इस कैटेगरी में 4% आरक्षण मिलता है.
कैटेगरी 2A में 393 जातियां और उपजातियां हैं और इनमें मुसलमानों की 19 जातियां हैं. इस कैटेगरी में शामिल जातियों को 15% आरक्षण दिया जाता है. तीसरी कैटेगरी 2B बनाई गई है और इसमें मुस्लिमों की सभी जातियों को शामिल किया गया है. इस तरह से सभी मुस्लिमों को राज्य में 4% आरक्षण की व्यवस्था कर दी गई है.
बाकी बची 3A कैटेगरी में 4% और 3B में 5% आरक्षण मिलता है. इस हिसाब से कर्नाटक में कुल 883 जातियों और उपजातियों को ओबीसी आरक्षण मिलता है. ये आरक्षण इन्हें सरकारी नौकरियों और सरकारी शिक्षण संस्थानों में मिलता है.
इस साल अप्रैल में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने कहा था कि 2B कैटेगरी बनाकर सभी मुस्लिमों को ओबीसी में शामिल कर लिया गया.
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