भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीजेपी (BJP) के अंदर ही सबकुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है. पिछले कुछ दिनों में एक बाद एक विधायकों की अपनी ही सरकार से नाराजगी खुलकर सामने आई है. कही विधायक प्रशासन से नाराज हैं तो कही अपराध के मामलों को लेकर नाराजगी है. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी संगठन (BJP Organization) अब इस मामले को लेकर एक्टिव हो गया है. मध्य प्रदेश बीजेपी के सीनियर नेता अब इस मामले में बीजेपी के नाराज विधायकों से चर्चा करेंगे. माना जा रहा है कि पार्टी के अध्यक्ष भी इन विधायकों से चर्चा कर सकते हैं. हालांकि जिन विधायकों की नाराजगी दिखी है वह सब सीनियर विधायक हैं.
दरअसल, बीते कई दिनों से भाजपा विधायकों ने अपनी ही सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोला हुआ है. इस लिस्ट में मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल, सबसे सीनियर विधायक गोपाल भार्गव, अजय बिश्नोई, प्रदीप लारिया, संजय पाठक, बृजबिहारी पटेरिया और प्रतीम लोधी का नाम शामिल है. इसके अलावा मोहन सरकार में सीनियर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी नशीले पदार्थ बिकने की बात कह चुके हैं. जिससे प्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस लगातार बीजेपी पर ही निशाना साधते हुए यह कहने में जुटा है कि पार्टी के विधायक ही पार्टी में नाराज हैं.
मऊगंज से बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल जिन्होंने शराब माफियाओं को संरक्षण दिए जाने से पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोला था, जबकि गोपाल भार्गव और पाटन विधायक अजय बिश्नोई बेटियों की सुरक्षा पर बात रख चुके है, इसी तरह नरयावली विधायक प्रदीप लारिया क्षेत्र में जुआ और अवैध शराब की बिक्री को लेकर अपनी बात रख चुके हैं, तो विधायक संजय पाठक ने अपनी जान को खतरा बताया था. इसके अलावा पिछोर विधायक प्रीतम लोधी पुलिसकर्मियों की तरफ से उन पर जातिगत टिप्पणी किए जाने से खफा है, जबकि एक मामले में देवरी से विधायक बृजबिहारी पटेरिया ने तो इस्तीफा तक लिख दिया था.
बताया जा रहा है कि विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए संगठन अब इस मामले में अलर्ट नजर आ रहा है. जहां संगठन के नेता इन विधायकों से चर्चा कर सकते हैं. क्योंकि यह सभी विधायक सीनियर हैं और इनमें कुछ मंत्री भी रह चुके हैं. अजय विश्नोई और प्रदीप पटेल की नाराजगी पहली बार नहीं दिखी है. वह इससे पहले भी कई बार सरकार पर निशाना साध चुके हैं. जबकि एक बार फिर वह अपने तेवर दिखा चुके हैं. माना जा रहा है कि इस मामले में संगठन महामंत्री भी चर्चा कर सकते हैं. क्योंकि प्रदेश में बीजेपी की प्रचंड बहुमत की सरकार है, लेकिन विधायकों की नाराजगी की वजह से ही अपने ही निशाना साध रहे हैं.
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