डेस्क। चीन और ताइवान के बीच तनाव से पूरी दुनिया वाकिफ है। चीन विरोधी नेता विलियम लाई चिंग-ते के राष्ट्रपति बनते ही चीन ने गुरुवार को ताइवान को चारों तरफ से घेरकर युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। यह पहला मौका है जब चीन ताइवान के खिलाफ इतने बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास कर रहा है। ताइवान में हुए राष्ट्रपति चुनाव से पहले चीन ने लाई चिंग-ते को अलगाववादी कहा था, साथ ही ताइवान के लोगों को चेतावनी दी थी कि अगर वो सैन्य संघर्ष से बचना चाहते हैं, तो सही विकल्प का चुनाव करें।
चीन की धमकी के बावजूद ताइवान में चीनी विरोधी नेता लाई चिंग-ते को जीत हासिल हुई। उनकी शपथ के बाद चीनी सेना के प्रवक्ता कर्नल ली शी ने कहा था कि ताइवानियों को इसकी सजा मिलेगी। शी ने कहा था कि चीन की थल सेना, नौसेना और वायु सेना संयुक्त अभ्यास से ताइवान की आजादी को बढ़ावा देने वाले अलगाववादियों को जवाब देगी। चीन के इस अभ्यास में लड़ाकू विमान और नौसेना के कई युद्धपोत शामिल हैं।
ताइवान ने चीन के युद्धाभ्यास की ‘तर्कहीन उकसावे’ के रूप में निंदा की है। इस बीच ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने चीन से सैन्य अभ्यास रोकने को कहा है। लाई ने चीन से अपील की है कि वह अपने आक्रोश को रोककर पूरे इलाके में शांति बनाए रखने की कोशिश करें। लाई के मुताबिक जिन द्वीपों के पास अभ्यास चल रहा है वो ताइवान के हैं। वहीं, ताइवान की सेना को भी अलर्ट पर रखा गया है।
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