फिलहाल खस्ताहाल डेमू ट्रेन से परेशान हैं यात्री
इंदौर। लंबे इंतजार के बाद महू-इंदौर-रतलाम रूट पर अगले कुछ महीनों में पहली मेमू ट्रेन का संचालन शुरू होने की संभावना है। ऐसा हुआ तो इस रूट पर नियमित चलने वाले यात्रियों के लिए यह नई सुविधा होगी। गेज कन्वर्जन के बाद से इस महू-इंदौर-रतलाम रूट पर डेमू ट्रेन चल रही है, जो अत्यधिक पुरानी हो चुकी हैं और गाहे-बगाहे उनमें आग लगने या उनके खराब होने की घटनाएं होती रहती हैं।
पश्चिम रेलवे और रेलवे बोर्ड ने मेमू ट्रेन (मेनलाइन इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट) चलाने के मामले में इस रूट की घोर उपेक्षा की है। यह हालत तब है, जब वर्षों पहले इस रूट का विद्युतीकरण हो चुका है। बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन-फतेहाबाद-इंदौर रूट पर नई-नवेली मेमू ट्रेन शुरू की थी, लेकिन पश्चिम रेलवे ने कुछ समय चलाने के बाद उसे और कहीं भेज दिया और बिजली इंजन से चलने वाली सामान्य ट्रेन चला दी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बोर्ड को लगातार मेमू ट्रेन देने का आग्रह किया जा रहा है।
यह हैं फायदे
– नई मेमू ट्रेन के कोच ज्यादा आधुनिक और सुविधाजनक होते हैं।
– मेमू ट्रेन बिजली से चलती है और डेमू की तुलना में ज्यादा तेजी से गति पकड़ती है। इससे यात्रा समय में भी कटौती होगी।
– डेमू ट्रेन डीजल से चलती हैं और मेमू की तुलना में इसके संचालन का खर्च ज्यादा होता है। इससे रेलवे को आर्थिक नुकसान होता है और डीजल की ट्रेन प्रदूषण भी ज्यादा फैलाती है।
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