– डिजिडटलाइजेशन की दिशा में बिजली कंपनी ने बढ़ाए कदम
इंदौर। केंद्र शासन के डिजिटलाइजेशन अभियान के क्रियान्वयन में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने और तेजी लाकर किसानों की सब्सिडी डीबीटी से प्रारंभ की है। अब सिंचाई के बिजली कनेक्शनों की सब्सिडी डीबीटी से दी जा रही है। पश्चिम मप्र में सबसे पहले झाबुआ जिले का चयन कर सफलतापूर्वक 10.04 करोड़ रुपये की सब्सिडी राशि बैंक खातों में जमा की गई है।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने सोमवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी क्षेत्र के 15 जिलों में सबसे पहले आदिवासी बहुल झाबुआ जिले का चयन डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के लिए किया गय़ा था। राज्य शासन के निर्देश पर यहां के सभी किसान हितग्राहियों के आधार, बैंक खाते, खसरा आदि का मिलान किया गया। मुख्यालय से दल भेजकर सभी हितग्राहियों का इस योजना के लिए प्रतिपरीक्षण भी कराया गया, किसानों से संवाद किया गया, योजना की जानकारी बताई गई। इसके बाद परीक्षण के तौर पर एक किसान के खाते में सब्सिडी जमा की गई।
तोमर ने बताया कि पूरे सिस्टम की चैकिंग के बाद अब राज्य शासन के निर्देश पर झाबुआ जिले के सभी पात्र 36 हजार 385 किसानों के बैंक खातों में दस करोड़ चार लाख रुपये की सिंचाई रकम सब्सिडी के रूप में जमा की गई है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण(डीबीटी) के लिए इंडस इंड बैंक में विशेष रूप से वर्चुअल खातें खुलाए गए है।
प्रबंध निदेशक तोमर ने बताया कि इस योजना के सफलतापूर्वक संचालन में निदेशक मनोज झंवर, मुख्य महाप्रबंधक संतोष टैगोर, कार्यपालक निदेशक संजय मोहासे, झाबुआ के तत्कालीन अधीक्षण यंत्री एससी वर्मा, मौजूदा अधीक्षण यंत्री पीएस चौहान, मुख्यालय अधीक्षण यंत्री अंतिम जैन, नोडल अधिकारी गौतम कोचर का सराहनीय योगदान रहा। (एजेंसी, हि.स.)
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