ताइपे: अमेरिकी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को दो दिवसीय यात्रा पर ताइवान पहुंचा है. स्वशासित द्वीप और चीन के बीच लगातार बढ़ते सैन्य तनाव के बीच ताइवान की यात्रा करने वाला अमेरिका का ये दूसरा उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल है. इस प्रतिनिधिमंडल से ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने मुलाकात की है. यूएस हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की यात्रा के बाद ताइवान का दौरा करने वाले इस उच्च-स्तरीय अमेरिकी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के साथ ताइवान के राष्ट्रपति ने बंद कमरे में बैठक की.
न्यूज एजेंसी रायटर्स की एक खबर के मुताबिक ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने सोमवार को अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल से कहा कि अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की यात्रा के बाद बीजिंग के अभूतपूर्व सैन्य दबाव पड़ने के बाद वे वाशिंगटन के साथ सिक्योरिटी और सप्लाई चेन जैसे मुद्दों पर काम करेंगी. ताइपे में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सीनेटर एड मार्के कर रहे हैं. जिनके साथ चार हाउस सांसद भी हैं.
गौरतलब है कि मार्के सीनेट की विदेश संबंध पूर्वी एशिया, प्रशांत और अंतर्राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा उपसमिति की अध्यक्षता करते हैं. जबकि कांग्रेस मेंबर जॉन गारमेंडी परमाणु हथियार और शस्त्र नियंत्रण कार्य समूह के सदस्य हैं. इस दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए वाशिंगटन में चीन के दूतावास ने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों को अमेरिकी सरकार की एक-चीन नीति के हिसाब से काम करना चाहिए.
चीनी दूतावास ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों की नई यात्रा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अमेराका ताइवान जलडमरूमध्य में स्थिरता नहीं देखना चाहता है. अमेरिका ने दोनों पक्षों के बीच टकराव को भड़काने और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. इसके अलावा चीन ने ताइवान के आसपास और नए सैन्य अभ्यास भी करने की धमकी दी है.
जबकि व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के सदस्य दशकों से ताइवान जाते रहे हैं और ऐसा करना जारी रखेंगे. इस तरह की यात्राएं अमेरिका की लंबे समय से चली आ रही एक-चीन नीति के अनुसार हैं.
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