इंदौर। मकान खाली कराने से रोकने के लिए एक लोहा व्यापारी को महिला ने रेप के झूठे केस में फंसा दिया। महिला ने मकान विवाद में मुकदमा दर्ज कराने की बात कबूली तो कोर्ट ने व्यापारी को बरी कर दिया। लोहा व्यापारी चंद्रेश खंडेलवाल के खिलाफ एक महिला ने रावजी बाजार थाने में बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया था। इल्जाम था कि व्यापारी ने वर्ष 2014 में उसे नशीली चाय पिलाकर बेहोश कर दिया, फिर उससे जबरदस्ती की और वीडियो बना लिया।
इसके आधार पर धमकाने लगा। महिला ने चार साल बाद रिपोर्ट लिखाई थी। कोर्ट में व्यापारी की ओर से एडवोकेट केपी माहेश्वरी ने तर्क दिया कि व्यापारी महिला से मकान खाली कराना चाहता था, इस कारण महिला ने उसे झूठे इल्जाम में फंसाया। यहां तक कि महिला ने अपने पति तक को चार साल तक उससे जबरदस्ती होने की बात नहीं बताई। मामले में पुलिस ने भी कोई ऑडियो-वीडियो पेश नहीं किया, जिससे अभियोजन कहानी बेदम साबित हुई। जज चारूलता दांगी ने खंडेलवाल को बलात्कार के आरोप से बरी कर दिया।
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