डेस्क: ईरान (Iran) पर आरोप लगता आया है कि वह यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) में रूस को मिसाइल और अन्य हथियार (Weapon) दे रहा है. यूक्रेन और गाजा युद्ध के बाद ईरान ने रूस और चीन के साथ मिलकर एक अलग एक्सिस ऑफ स्टेट बनाया है, लेकिन उसको इस एक्सिस का भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसकी शुरुआत ब्रिटेन ने कर दी है. ब्रिटिश सरकार ने ईरान के ऊपर नए प्रतिबंध लगाए हैं.
ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने कहा कि वह ईरान की राष्ट्रीय एयरलाइन और उसकी सरकारी स्वामित्व वाली शिपिंग कंपनी की संपत्ति को फ्रीज कर देगा, जिसने हथियारों को रूस भेजने में मदद की. साथ ही कहा कि वह रूसी मालवाहक जहाज पोर्ट ओला-3 पर भी प्रतिबंध लगाएगा, जिसने ईरान से मिसाइलें पहुंचाई थीं. हालांकि, ईरान इन आरोपों को खारिज करता रहा है.
ब्रिटेन की तरफ से यह ऐलान यूक्रेन में युद्ध के 1,000 पूरे होने के एक दिन बाद हुआ है. एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को रूस के अंदर गहराई तक हमला करने वाली अमेरिकी मिसाइलों का इस्तेमाल करने की इजाजत दी है.
विदेश सचिव डेविड लैमी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में प्रतिबंधों का ऐलान करने से पहले एक बयान में कहा, “ईरान की ओर से वैश्विक सुरक्षा को कमजोर करने की कोशिश खतरनाक और अस्वीकार्य हैं. हम ये जानते थे कि ईरान से रूस को बैलिस्टिक मिसाइलों के किसी भी हस्तांतरण को महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने ब्राजील में जी-20 शिखर सम्मेलन में कहा कि जब तक जरूरी हो, हमें यूक्रेन का समर्थन करने के लिए दोगुना प्रयास करने की जरूरत है. उन्होंने विश्व नेताओं से यूक्रेन की मदद करने की अपील की.
UK के विदेश कार्यालय ने कहा कि संपत्ति फ्रीज करने से ईरान एयर की यूनाइटेड किंगडम से सीधी सेवाएं संचालित करने की क्षमता सीमित हो जाएगी. यह कार्रवाई ईरान और रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के पिछले दौर के बाद की गई है, जिसका ऐलान सितंबर में जर्मनी और फ्रांस के साथ किया गया था.
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