तेहरान। श्रीलंका (Sri Lanka), मालदीव (Maldives), नेपाल और पाकिस्तान और अफगानिस्तान (Nepal and Pakistan and Afghanistan) की इकॉनमी पस्त है। ये सभी भारत के पड़ोसी देशों में से हैं। ईरान की अर्थव्यवस्था (Economy) भी डगमगाती दिख रही है। बुनियादी वस्तुओं की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। इसी बीच ईरान के श्रम, कल्याण और सामाजिक मामलों के मंत्री होज्जतुल्ला अब्दुलमालकी (Hojjatullah Abdulmalki) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि ईरान की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को देखते हुए होज्जतुल्ला को इस्तीफा देना पड़ा है।
ईरान में मुद्रास्फीति दर लगातार तेजी से बढ़ती जा रही और इसे लेकर इब्राहिम रईसी सरकार पर दबाव बढ़ना शुरू हो चुका है। कई पेंशनभोगी लोगों ने पिछले कुछ दिनों में होज्जतुल्ला से इस्तीफे की मांग कर रहे थे। ईरान परमाणु समझौते और अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर जारी गतिरोध के बीच ईराली रियाल की कीमत गिरकर नए निचले स्तर पर आ गई है। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक होज्जतुल्ला के इस्तीफे के बाद से इब्राहिम सरकार की दिक्कतें और बढ़ सकती हैं। सरकार ने मोहम्मद हादी जाहेदी वफा को कार्यवाहक मंत्री बनाया है।
रिटायर्ड लोगों के साथ ही शिक्षक, बस ड्राइवर और मजदूरों ने भी हाल के दिनों में बढ़ती महंगाई और सरकार की आर्थिक नीति को लेकर आलोचना की है। विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए ईरान के प्रमुख शहरों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। हाल के दिनों में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पीटा है और उन पर आंसू गैस के गोले चलाए हैं।
ईरानी अर्थव्यवस्था 2018 में बिगड़ने लगी जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने परमाणु समझौते को लेकर ईरान पर और कड़े प्रतिबंध लगा दिए। राष्ट्रपति जो बाइडेन के सत्ता में आने के बाद अमेरिका से बातचीत शुरू हुई तो ईरान की उम्मीद बढ़ी लेकिन लेकिन वियना में एक साल की गहन बातचीत के बाद मार्च में बातचीत बंद हो गई। ऐसे में ईरान की इकॉनमी गिरती चली गई।
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