डेस्क: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (Ebrahim Raisi) ने मंगलवार को कहा कि यदि उनके देश पर लगाए गए प्रतिबंध हटाए जाते हैं, तो परमाणु करार को लेकर अमेरिका (America) के साथ सहमति हो पाना संभव है. रईसी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘यदि पक्षकार दमनकारी प्रतिबंध हटाने के लिए तैयार हैं, तो कोई भी समझौता किया जा सकता है.’
रईसी के बयान के एक दिन पहले ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने विश्व की अन्य शक्तियों के साथ परमाणु समझौते (Iran Nuclear Deal) को लेकर जारी वार्ता में अमेरिका के साथ सीधे संवाद करने की सोमवार को इच्छा जाहिर की थी.
उन्होंने कहा था, ‘यदि हम वार्ता प्रक्रिया में ऐसे चरण पर पहुंचते हैं, जहां ठोस गारंटी के साथ अच्छा समझौता करने के लिए अमेरिकियों से वार्ता करने की आवश्यकता होगी, तो हम इसे नजरअंदाज नहीं करेंगे.’ ईरान ने ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी रूस एवं चीन के साथ ऑस्ट्रिया के विएना में परमाणु वार्ता बहाल की है. अमेरिका इस वार्ता में परोक्ष रूप से शामिल हुआ है, क्योंकि उसने 2018 में समझौते से अपना नाम वापस ले लिया था.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसमें फिर से शामिल होने की इच्छा जाहिर की है. जब डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली अमेरिका सरकार ने खुद को इस समझौते से वापस लिया था, उस वक्त उन्होंने ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए थे. तेहरान ने तब से 60 फीसदी तक यूरेनियम को समृद्ध करना शुरू कर दिया. परमाणु बम बनाने के लिए 90 फीसदी यूरेनियम समृद्ध करने की जरूरत होती है.
अमेरिका ने ईरान को चेताया
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पिछले हफ्ते कहा था कि ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत निर्णायक क्षण पर है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर आने वाले हफ्तों में कोई समझौता नहीं हुआ तो वॉशिंगटन और उसके सहयोगी रणनीति बदल सकते हैं.
ब्लिंकन ने कहा कि ईरान 2015 के वियना समझौते का पालन करने में विफल रहा है. इसका सीधा मतलब है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने के उतने की करीब होगा. ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है. लेकिन ईरान की लगातार परमाणु गतिविधियों ने पश्चिमी मुल्कों को चिंतित किया हुआ है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved