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    इजराइल से अकेला नहीं लड़ेगा ईरान, युद्ध में ये 4 दोस्त भी देंगे उसका साथ

  • August 06, 2024

    डेस्क: बाइडेन प्रशासन इजराइल पर संभावित ईरानी हमले को रोकने के लिए काम कर रहा है, लेकिन कई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने ईरान को मिसाइल लांचर ले जाते और सैन्य अभ्यास करते हुए देखा है, जो यह संकेत हो सकता है कि तेहरान आने वाले दिनों में हमले की तैयारी कर रहा है. ईरान ने भी संकेत दिया है कि वह तेहरान में हमास के वरिष्ठ नेता इस्माइल हानिया की हत्या के लिए इजराइल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की योजना बना रहा है.

    ईरान ने मिसाइल लांचरों को स्थानांतरित करना और सैन्य प्रशिक्षण करना शुरू कर दिया है. बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों को चिंता है कि इस बार ईरानी हमले के साथ हिजबुल्लाह, लेबनानी मिलिशिया और अन्य तेहरान प्रॉक्सी के हमले भी हो सकते हैं. इसके साथ ही यह भी खबर सामने आ रही है कि इजरायल पर हमले के लिए ईरान प्रॉक्सी आर्मी का यूज कर सकता है. ईरान उनके दशकों से हथियार देता आया है, जो किसी भी हमले में भूमिका निभा सकती हैं.

    ईरान की मिलिशिया को हथियार देने की नीति 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद शुरू हुई. इससे पहले, अमेरिका ने शाह मोहम्मद रजा पहलवी की सरकार को F-14 टॉमकैट लड़ाकू विमानों सहित प्रमुख हथियार प्रणालियां प्रदान की थीं. क्रांति और अमेरिकी दूतावास बंधक संकट के बाद उन शिपमेंट और आवश्यक रखरखाव कार्यक्रमों को रोक दिया गया. 1980 के दशक में इराक के साथ ईरान के आठ साल के युद्ध ने उसके अधिकांश शस्त्रागार को नष्ट कर दिया था.


    ईरान पर उसके परमाणु कार्यक्रम सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण भी उसे नए हथियार प्राप्त नहीं हो सके हैं, जबकि इजराइल और अमेरिका के साथ संबद्ध खाड़ी अरब देशों को अपडेट हथियार प्राप्त हो चुके हैं. ईरान अपने मिसाइल कार्यक्रम को विकसित करने के साथ उन अत्याधुनिक हथियारों की बराबरी भी नहीं कर सकता. वह इजराइल और अमेरिका दोनों को दबाने के लिए एक असममित खतरे के रूप में मिलिशिया पर निर्भर है.

    ईरान का शस्त्रीकरण 1980 के दशक में लेबनान में शिया बलों द्वारा इजराइल के खिलाफ लड़ाई के साथ शुरू हुआ था. वे हिजबुल्लाह उग्रवादी समूह बन गए. 2003 में इराक पर अमेरिका के नेतृत्व में आक्रमण के साथ ही हथियारों का विस्तार हुआ, जिसने तेहरान के लंबे समय के दुश्मन तानाशाह सद्दाम हुसैन को सत्ता से हटा दिया. ईरान ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का उनके देश के लंबे युद्ध में पुरजोर समर्थन किया.

    कैसा हो सकता है इजराइल पर हमला?
    अप्रैल में सीरिया में ईरानी दूतावास परिसर पर इजराइली हमले के बाद ईरान ने इजराइल की ओर 170 बम ले जाने वाले ड्रोन, 30 से अधिक क्रूज मिसाइलें और 120 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. इजराइल, अमेरिका और अन्य देशों ने कई को मार गिराया, जिनमें से कुछ यमन से आए थे. ईरान भी इसी तरह का हमला कर सकता है, लेकिन इस बार हिजबुल्लाह भी इसमें शामिल हो सकता है, क्योंकि यह मिलिशिया पिछले सप्ताह इजराइली हमले में वरिष्ठ कमांडर फौद शुकुर की हत्या का बदला लेना चाहता है. इस तरह के हमले से इजराइली हवाई सुरक्षा पर दबाव पड़ सकता है, जिसका अर्थ है कि अधिक मिसाइल हमले होंगे, जिससे हताहतों का खतरा बढ़ जाएगा. विशेषज्ञों को डर है कि अगर यह हमला और अधिक बढ़ गया तो इससे व्यापक क्षेत्रीय युद्ध छिड़ सकता है.

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