डेस्क: इजरायल पर हमला करने के लिए ईरान की तरफ से लगातार धमकियां दी जा रही हैं. अमेरिका भी इसको लेकर अलर्ट कर चुका है. कहा जा रहा है कि ईरान हमास चीफ इस्माल हनिया की मौत का बदला लेने के लिए इजरायल के अंदर हमला कर सकता है. मीडिल ईस्ट में कुछ ऐसे हालात भी पैदा हो रहे हैं, क्योंकि मिस्र ने अपनी एयरलाइंस के विमानों को ईरानी क्षेत्र से उड़ान न भरने के लिए कहा है. साथ ही जॉर्डन ने भी अलर्ट जारी किया है. उसने विमानों में 45 मिनट का अतिरिक्त ईंधन रखने को कहा है. खबर ये भी है कि बुधवार को सऊदी अरब में इस्लामिक सहयोग संगठन के देशों की मीटिंग भी हुई, जिसमें कुछ फैसले लिए गए. मीटिंग के दौरान ईरान ने धमकी भी दे दी. ईरान ने कहा, अगर कोई देश इजरायल पर हमला करने से रोकेगा तो ईरान उस पर भी कार्रवाई करेगा.
सऊदी अरब में हुई मीटिंग में ईरानी ने बाकी देशों को युद्ध से अलग रहने की सलाह दी. कहा, अगर कोई हमें रोकने की कोशिश करेगा तो ईरान उन पर कार्रवाई करेगा. ईरान ने कहा कि तेहरान में हमास चीफ की हत्या कर इजरायल ने हमारी संप्रभुता का उल्लंघन किया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ईरान ने जिन देशों को सीधे तौर पर धमकी दी है, दरअसल, ये देश दबी जुबां से इजरायल का समर्थन करते हैं. जब अप्रैल में इजरायल के ऊपर 300 से ज्यादा मिसाइलें दागीं गई थीं, तब इजरायल ने अमेरिका और अन्य देशों की मदद से हमले को नाकाम कर दिया था. जॉर्डन और सऊदी अरब ने भी इजरायल का साथ दिया था.
बता दें कि पिछले दिनों हमास चीफ इस्माल हनिया तेहरान में ईरान के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आए थे. इस दौरान ही इजरायल के हमले में उनकी मौत हो गई. ऐसा ईरान लगातार आरोप लगाता आ रहा है.
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