तेहरान । ईरान ने इस बात का खंडन किया कि उसने भारत को चाबहार रेल प्रोजेक्ट से बाहर कर दिया है। ईरान ने कहा कि इस तरह की खबर फैलाकर कुछ लोग अपना हित साधना चाहते हैं। ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि भारतीय राजदूत जी. धर्मेद्र को ईरान के सड़क एवं रेल उप मंत्री सईद रसूली ने चाबहार में भारतीय सहयोग से हो रहे काम को देखने के लिए आंमत्रित किया था।
दूतावास ने रसूली के हवाले से एक ट्वीट में बताया कि चाबहार रेल प्रोजेक्ट से भारत को बाहर करने की खबर फैलाने में कुछ स्वार्थी तत्वों का हाथ है। उल्लेखनीय है पिछले सप्ताह इस तरह की खबर सामने आई थी कि ईरान की रूहानी सरकार ने चाबहार से जाहेदान तक प्रस्तावित रेल लाइन तैयार करने के काम से भारत को बाहर कर दिया है। अफगानिस्तान की सीमा तक जाने वाले इस रेल ट्रैक के लिए भारत ने ईरान से समझौता कर रखा है।
उल्लेखनीय है भारत ने चाबहार बंदरगाह के विकास में 50 करोड़ डालर का निवेश किया है। इस बंदरगाह के जरिए पाकिस्तान को दरकिनार कर भारत मध्य एशिया के देशों से माल मंगा सकता है या उन्हें भेज सकता है। 2016 को हुए समझौते के अनुसार भारत इस पोर्ट पर दो बर्थ और बना रहा है। दिसंबर 2018 से अब तक भारत ने 82 जहाजों के जरिए 8,200 कंटेनर से 12 लाख टन माल मंगाया या भेजा है।
भारत सरकार ने पिछले बजट में चाबहार बंदरगाह के लिए निर्धारित राशि को दोगुना कर दिया था। भारत को चाबहार बंदरगाह को विकसित करने में तो अमेरिकी सरकार से हरी झंडी तो मिल गई थी लेकिन क्या चाबहार-जाहेदान रेल प्रोजेक्ट एवं अन्य कार्यों के लिए भी प्रतिबंधों से छूट मिली है यह साफ नहीं है। वहीं समाचार एजेंसी आइएएनएस ने खबर दी है कि चाबहार बंदरगाह से माल परिवहन के मसले पर भारत और ईरान मिलकर काम कर रहे हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved