तेहरान। ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन (Anti-hijab movement in Iran) आए दिन और तेज होता जा रहा है । महसा अमीनी(Mahsa Amini) की मौत (Mahsa Amini Death) के बाद ईरान (Iran) अब विरोध की आग में जलने लगा है। हिजाब के खिलाफ ईरान में अब प्रदर्शन हिंसक होने लगे हैं। हिजाब को जलाने की आग ईरान के कई शहरों को जला सकती है। हिजाब के खिलाफ विरोध (protest against hijab) और आक्रमकता पसरती जा रही है। पहले महिलाएं हिजाब जला रहीं थीं और अब लोग हंगामे के साथ सड़क पर सरकारी संपत्ति जलाने पर आमादा दिख रहे हैं।
ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन को चार महीने से ज्यादा हो चुके हैं। इस दौरान 18 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें से एक हजार से ज्यादा को मुकदमा चलाकर फांसी देने की तैयारी की जा रही है। अब तक 20 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है और दो युवकों को फांसी पर लटकाया जा चुका है। जबकि तीन ने फांसी की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। इनमें से एक की अपील खारिज कर मौत की सजा बरकरार रखी गई है।
आंदोलन की तपिश से ईरान के सख्त इस्लामी शासन के कालीन के नीचे सत्ता और शक्ति में टकराव से गृह युद्ध के खतरे का धुआं उठने लगा है। आईआरजीसी के ब्रिगेडियर जनरल हामिद अबजारी ने 30 दिसंबर को कहा था कि कुछ सैन्य कमांडर इस्लामी मूल्यों और सर्वोच्च नेता के शासन के खिलाफ खड़े हुए हैं। ईरानी मीडिया के मुताबिक, अबजारी आईआरजीसी के कमांडर मेजर जनरल हुसैन सलामी के सलाहकार हैं, लेकिन, आईआरजीसी के प्रवक्ता ने इसका खंडन करते हुए अबजारी की टिप्पणी को निजी बताया।
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