काबुल। ईरान ने 3,000 से अधिक अफगान शरणार्थियों को अपने देश से निकाल दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में इन शरणार्थियों को इस्लाम कला और पुले अब्रीशम सीमाओं से जबरदस्ती अफगानिस्तान भेजा गया। अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार के शरणार्थी एवं प्रत्यावर्तन मंत्रालय के अनुसार, 24 और 25 जनवरी को लगभग 3,123 अफगान प्रवासियों को ईरान से निष्कासित कर दिया गया। ईरान में हाल के दिनों में, अफगान नागरिकों को हिरासत में लिया गया है और जबरन अफगानिस्तान भेज दिया गया है।
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के अनुसार, तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद कई अफगानों ने जीवन और भयानक आर्थिक स्थितियों की चिंता के कारण देश छोड़ दिया था। वर्तमान में ईरान में 40 लाख से अधिक अफगान नागरिक रहते हैं। तालिबान के अधिकारियों ने कहा है कि अफगान शरणार्थी हेरात और निमरूज प्रांतों के सीमाओं से अफगानिस्तान में प्रवेश कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने ईरानी अधिकारियों से अफगान शरणार्थियों के साथ उचित व्यवहार करने की अपील की।
बता दें, तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद तालिबान के उत्पीड़न और मौत के डर से हजारों अफगान नागरिक देश छोड़कर भाग गए थे। बड़ी संख्या में अफगान नागरिकों ने दो पड़ोसी देशों ईरान और पाकिस्तान में शरण ली है।
ईरान में अफगान प्रवासियों की बढ़ती संख्या के पीछे मुख्य कारण अफगानिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक संकट है।
अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद इस्लामिक समूह तालिबान ने देश में ऐसी नीतियां लागू कीं, जो विशेषकर महिलाओं और लड़कियों के बुनियादी अधिकारों को प्रतिबंधित करती हैं।
मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) के अनुसार, तालिबान ने सभी महिलाओं को सिविल सेवा में नौकरी के पदों से बर्खास्त कर दिया है और अधिकांश प्रांतों में लड़कियों के माध्यमिक विद्यालय जाने पर रोक लगा दी है। वहीं, ईरान और अन्य पड़ोसी देशों में शरण लिए अफगान शरणार्थियों ने नई चुनौतियों पर निराशा व्यक्त की है।
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