दुबई। ईरान (Iran) ने भूमिगत नातांज परमाणु केंद्र (Natanz Atomic Center) पर हमला करने के लिए इस्राइल (Israel) को जिम्मेदार ठहराया। इस हमले में परमाणु केंद्र (Atomic Center) का सेंट्रीफ्यूज क्षतिग्रस्त (Centrifuge Damaged) हो गया था जिसका इस्तेमाल वहां पर यूरेनियम (Uranium) संवर्धन के लिए किया जाता है। ईरान(Iran) ने कहा है कि वह हमले का बदला लेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता (Foreign Ministry spokesman) सईद खतीबजादा (Saeed Khatibzada) की यह टिप्पणी रविवार की घटना के लिए पहली बार अधिकारिक तौर पर इस्राइल पर आरोप लगाती है। इस घटना से परमाणु केंद्र में बिजली चली गई थी।
खतीबजादा ने कहा, ‘नातांज का जवाब इस्राइल से बदला लेना है। इस्राइल को उसके तरीके से ही उसका जवाब मिलेगा।’ हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया। खतीबजादा ने माना कि आईआर-1 सेंट्रीफ्यूज हमले में क्षतिग्रस्त हुआ है। हालांकि उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी। इस बीच, ईरान के अर्द्धसैनिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड के पूर्व प्रमुख ने कहा कि नातांज में हमले की वजह से आग भी लग गई थी और उन्होंने केंद्र पर सुरक्षा में सुधार करने की अपील की। इस्राइल ने हमले की सीधे तौर पर जिम्मेदारी नहीं ली है। बहरहाल, शक फौरन उस पर गया, क्योंकि उसके मीडिया ने देश द्वारा विनाशकारी साइबर हमले की खबर दी जिससे बिजली गुल हो गई। अगर इस्राइल हमले के लिए जिम्मेदार है तो यह दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ाएगा जिनके बीच पहले से टकराव चल रहा है। इससे पहले ईरान के असैन्य परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख ने देश के नतांज परमाणु इकाई में बिजली आपूर्ति बाधित होने को ‘परमाणु आतंकवाद’ बताया था। ईरान के सरकारी प्रसारणकर्ता कान ने कहा कि हमले के पीछे इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद है। चैनल 12 टीवी ने ‘विशेषज्ञों’ का हवाला देते हुए कहा कि विद्युत आपूर्ति बाधित होने से इस इकाई के सभी क्षेत्र प्रभावित हुए। किसी भी खबर में कोई स्रोत या इस बात का स्पष्टीकरण शामिल नहीं था कि मीडिया घराने इस आकलन तक कैसे पहुंचे। मेजर जनरल मोहसिन रेजाई ने ट्विटर पर कहा कि नातांज में एक साल में दूसरी बार आग लगना घुसपैठ की घटना की गंभीरता का संकेत देता है। ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने कहा कि यह परमाणु समझौते को बचाने के लिए वियना में चल रही बातचीत को संकट में डालने वाला है। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ईरना ने जरीफ के हवाले से कहा, ‘यहूदी लोग प्रतिबंध हटाने में उनकी सफलता पर ईरानियों से बदला लेना चाहते थे। लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे और इसका बदला लेंगे।’ मालूम हो कि नातांज के उन्नत अपकेंद्रण संयंत्र में पिछले साल जुलाई में एक रहस्यमय विस्फोट हुआ था। ईरानी परमाणु संयंत्र पर हमला करने को लेकर ईरान का क्षेत्रीय शत्रु इस्राइल संदेह के घेरे में रहा है। ईरान ने देश के सैन्य परमाणु कार्यक्रम की कई दशक पहले शुरुआत करने वाले वैज्ञानिक की हत्या के लिए इस्राइल को ही दोषी ठहराया था। इस्राइल के कई मीडिया संस्थानों ने रविवार को बताया कि एक साइबर हमला नातांज में विद्युत आपूर्ति बाधित होने का कारण बना।