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IPS अरविंद नेगी पर NIA का शिकंजा, भ्रष्‍टाचार और जासूसी के आरोपों की जांच

November 27, 2021

नई दिल्‍ली। हिमाचल कैडर के आईपीएस अधिकारी (IPS Officer) अरविंद नेगी (Arvind Negi) पर एनआईए (NIA) का शिकंजा बुरी तरह कस चुका है। उन पर लगे भ्रष्‍टाचार और जासूसी के आरोपों (allegations of corruption and espionage) की जांच शुरू हो गई है। इस साल की शुरुआत तक नेगी, केंद्रीय एजेंसी एनआईए में प्रतिनियुक्ति पर थे। एक अधिकारी ने बताया कि एक खुफिया इनपुट के बाद इस मामले की जांच शुरू हुई थी। जानकारी मिली थी कि यह अधिकारी पाकिस्‍तान की एजेंसी आईएसआई (isi) के संपर्क में है और वह अति महत्‍वपूर्ण मामलों की जांच के बारे में सूचनाएं लीक कर रहा है।

आरोप हैं कि नेगी ने अहम जांच मामलों की केस डायरी की जानकारी को आईएसआई को भेज दिया था। इस मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज और बारामूला निवासी मुनीर चौधरी को भी गिरफ्तार किया गया है। मुनीर के बारे में बताया गया है कि वह सीमा पार होने वाले व्‍यापार से जुड़ा हुआ है। एनआईए अधिकारी के रूप में, नेगी ने पिछले साल जब हुर्रियत टेरर फंडिंग और एनजीओ टेरर लिंक्स जैसे कश्मीर मामलों की जांच की थी और परवेज पर छापा मारा गया था।


दो बार एनआईए के सामने पेश हो चुके हैं नेगी
एनआईए के प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में तथ्यों की पुष्टि की जा रही है। उनसे पूछा गया था कि क्‍या जासूसी के लिए नेगी की जांच हो रही है। इधर, सूत्रों ने कहा कि आरोपों के संबंध में अपना पक्ष रखने के लिए अधिकारी नेगी पहले ही दो बार एनआईए के सामने पेश हो चुके हैं। उन पर शक है कि उन्‍होंने धन लेकर महत्‍वपूर्ण मामलों के दस्‍तावेजों की जानकारी साझा की। जांच एजेंसियां उनकी संपत्ति आदि की जांच कर रही है। दरअसल हिमाचल प्रदेश के किन्‍नौर में पूर्व एनआईए अधिकारी के परिसर पर 22 नवंबर को एनआईए ने छापा मारा था। इसके अलावा श्रीनगर के सोनवार, अमीराकदल और परवेज के घर व आफिस में भी छानबीन की गई थी।

तथ्‍यों का सत्‍यापन किया जा रहा है
नेगी को लेकर पूछे गए सवालों पर 23 नवंबर को एनआईए ने कहा था कि ‘गिरफ्तार आरोपियों से मिली जानकारी और कुछ तथ्‍यों के आधार पर सत्‍यापन किया जा रहा है। एनआईए के अधिकारियों ने कहा था कि तलाशी के दौरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त कर, उन्‍हें फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है। एजेंसी ने यह भी कहा है कि परवेज के खिलाफ मामला लश्कर के जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ उसके संबंधों के कारण है। इसका 2020 के मामले के संबंध में, जिसकी नेगी ने भी जांच की थी, कोई संबंध नहीं है।

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