• img-fluid

    IPL: खिलाड़ियों पर करोड़ों खर्च, कोच-सपोर्टिंग स्टाफ की भी फीस, फिर टीम मालिकों की बेशुमार कमाई, जानें कैसे

  • March 30, 2023

    नई दिल्ली (New Delhi)। आईपीएल (IPL) के लिए जब खिलाड़ियों की नीलामी (players auction) होती तो फ्रेंचाइजी (IPL Teams Owners ) इन्हें खरीदने के लिए करोड़ों रुपये खर्च (Crores of rupees spent) करती हैं. आईपीएल ऑक्शन में एक खिलाड़ी की कीमत कई करोड़ रुपये (A player worth several crores) होती है. साल 2023 के मिनी ऑक्शन में इंग्लैंड के सैम कर्रन अकेले 18.50 करोड़ रुपये में बिके थे. उन्हें पंजाब किंग्स ने अपनी टीम में शामिल किया. अब सोचिए जब एक खिलाड़ी को खरीदने के लिए फ्रेंचाइजी इतना पैसा खर्च कर सकती हैं तो इनके पास ये पैसे आते कहां से हैं. फ्रेंचाइजी को खिलाड़ियों के अलावा कोच और सपोर्टिंग स्टाफ (Coaches and Support Staff) को भी भुगतान करना पड़ता है. इसके बावजूद टीम मालिकों की कमाई कैसे होती है।


    क्या है कमाई का जरिया?
    आईपीएल को बीसीसीआई संचालित करता है. आईपीएल टीम और बीसीसीआई के लिए कमाई का जरिया मीडिया और ब्राडकास्ट है। आईपीएल की फ्रेंचाइजी अपने मीडिया और प्रसारण अधिकार बेंचकर सबसे ज्यादा पैसे कमाती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पहले प्रसारण अधिकार से होने वाली कमाई का 20 प्रतिशत हिस्सा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अपने पास रखता था, बाकी 80 फीसदी आईपीएल टीमों को मिलता था, लेकिन अब यह हिस्सेदारी 50-50 प्रतिशत की हो गई है।

    विज्ञापन से भी होती है कमाई
    आईपीएल फ्रेंचाइजी मीडिया प्रसारण अधिकार बेचने के अलावा विज्ञापन से भी खूब कमाई करती हैं. खिलाड़ियों की टोपी, जर्सी और हेल्मेट पर दिखने वाले कंपनियों के नाम और लोगो के लिए कंपनियां आईपीएल फ्रेंचाइजी को काफी पैसे देती हैं. इसके अलावा आईपीएल के दौरान खिलाड़ी कई तरह के विज्ञापनों की शूटिंग करते हैं. इन विज्ञापनों से भी टीमों की बेशुमार कमाई होती है।

    आसानी से समझें टीमों की कमाई
    आईपीएल फ्रेंचाइजी कैसे कमाई करती हैं? इसे आसान भाषा में समझते हैं. सबसे पहले आईपीएल टीमों की कमाई को तीन हिस्से में बांटते हैं. ये हैं सेंट्रल रेवेन्यू, प्रोमोशनल रेवेन्यू और लोकल रेवेन्यू. सेंट्रल रेवेन्यू के तहत मीडिया प्रसारण अधिकार और टाइटल स्पॉन्सरशिप आता है. इससे टीम की करीब 60-70 फीसदी कमाई होती है, जबकि प्रोमोशनल रेवेन्यू से 20-30 फीसदी कमाई होती है. वहीं लोकल रेवन्यू से 10 फीसदी कमाई होती है, जिनमें टिकटों की ब्रिकी समेत कुछ और चीजें शामिल हैं।

    Share:

    800 से ज्यादा जरूरी दवाएं होंगी महंगी, 1 अप्रैल से 12 फीसदी तक बढ़ जाएंगे दाम

    Thu Mar 30 , 2023
    नई दिल्ली (New Delhi)। एक अप्रैल 2023 (1 April 2023). इस तारीख से जरूरी दवाओं की कीमत (cost of medicines) बढ़ (increase) जाएगी. पेनकिलर (Painkiller), एंटी-बायोटिक (anti-biotic), एंटी-इन्फेक्टिव (anti-infective) और कार्डिएक (cardiac) की दवाएं महंगी (medicines will become costlier) हो जाएंगी. इनकी कीमत एक अप्रैल से 12 फीसदी तक बढ़ जाएगी। दवाओं की कीमतें घटाने-बढ़ाने […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved