नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League-IPL) लीग के मार्च के अंतिम सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद है. अबकी बार आईपीएल में आठ की बजाय दस टीमें भाग लेने वाली हैं. ऐसे में आईपीएल का 15वां सीजन काफी रोमांचक एवं मजेदार होने जा रहा है.अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (Board of Control for Cricket in India-BCCI) ने आईपीएल में खिलाड़ियों की फिटनेस (players’ fitness) पर एक दिशा-निर्देश जारी किया है।
इसके मुताबिक अगर किसी फ्रेंचाइजी को लगता है कि कोई खिलाड़ी उचित फिटनेस के बिना टीम में शामिल हो गया है, तो आईपीएल गवर्निंग काउंसिल इस मामले पर फैसला करने के लिए एक स्वतंत्र डॉक्टर की नियुक्ति करेगी. और उसका निर्णय अंतिम होगा।
गाइडलाइंस में कहा गया है, ‘किसी भी सीजन की शुरुआत से पहले या बाद में कोई खिलाड़ी किसी फ्रेंचाइजी में शामिल होता है. ऐसी स्थिति में अगर मैच फिटनेस से संबंधित शर्तों को पूरा करने को लेकर फ्रेंचाइजी और उसके किसी भी खिलाड़ी के बीच विवाद होता है तो प्लेयर कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार बीसीसीआई एक स्वतंत्र एवं योग्य डॉक्टर को नामित करेगी. डॉक्टर यह तय करेगा क्या ऐसे खिलाड़ी की मैच फिटनेस उक्त शर्तों को पूरा करती है या नहीं. इस संबंध में डॉक्टर का निर्णय अंतिम होगा, जिसे सबको मानना पड़ेगा।’
गाइडलाइंस में आगे कहा गया है, ‘अगर कोई फ्रेंचाइजी सीजन की शुरुआत में अपने किसी भी खिलाड़ी की फिटनेस के आकलन का अनुरोध नहीं करती है या कोई खिलाड़ी सीजन की शुरुआत के बाद फ्रेंचाइजी में शामिल होता है, तब स्पष्ट साक्ष्य के अभाव में मैच के लिए फिट माना जाएगा. जो इस तरह के आकलन को अनावश्यक बनाता है. जबकि स्पष्ट साक्ष्य होने पर एक खिलाड़ी और फ्रेंचाइजी बीच किसी भी विवाद का फैसला बोर्ड की ओर से नामित स्वतंत्र और योग्य डॉक्टर द्वारा किया जाएगा।
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