
इंदौर। शहर में निकलने वाली परंपरागत परशुराम शोभायात्रा का यह सिल्वर जुबली वर्ष यानी 25 वां वर्ष है। यात्रा में अधिक से अधिक विप्र बंधू शामिल हो इसके लिए सर्व ब्राह्मण युवा परिषद की टीम द्वारा घर-घर जाकर निमंत्रण पत्र और पीले चावल वितरित किए गए। आयोजन को भव्य बनाने के लिए 2000 ब्राह्मण परिवारों से दो-दो सौ रुपये का पारदर्शी आर्थिक सहयोग लिया गया है जो यात्रा में शामिल भी होंगे।
यात्रा प्रमुख योगेश मिश्रा, लालजी तिवारी और विकास अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस शोभायात्रा में 500 महिलाएं एक जैसी साड़ी पहनकर शामिल होंगी, जिससे आयोजन की भव्यता और एकता को विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। सर्व ब्राह्मण समाज के तत्वावधान में इस वर्ष शोभायात्रा का संयोजन नर्मदिय ब्राह्मण समाज कर रहा है।
शोभायात्रा कल अक्षय तृतीया के अवसर पर शाम 6 बजे बड़ा गणपति चौराहा से प्रारंभ होगी। शोभायात्रा में भगवान परशुराम की आदमकद प्रतिमा के साथ बाल स्वरूप प्रतिमा का भी चित्रण किया जाएगा। भगवान परशुराम की चार फीट ऊंची अष्टधातु की प्रतिमा एक विशेष रथ पर विराजमान रहेगी, और पूरे मार्ग में पूजन होता रहेगा। आयोजन में समरसता और लव जिहाद के खिलाफ जागरूकता पर आधारित विशेष झांकियां भी रहेंगी। शोभायात्रा में घोड़े, बग्गी, ऊंट और महिलाओं का अखाड़ा भी आकर्षण का केंद्र रहेगा। गन्नू महाराज, भावेश सोनी और विशाल चतुर्वेदी की भजन मंडली भक्ति गीतों से वातावरण को भक्तिमय बनाएगी। समापन राजबाड़ा पर महाआरती के साथ होगा।
भाषण और भंडारे से परे केवल आस्था का आयोजन
आयोजकों ने बताया कि इस शोभायात्रा का उद्देश्य भगवान परशुराम के प्रति आस्था और ब्राह्मण समाज की एकता को उजागर करना है। आयोजन में किसी भी प्रकार का भाषण या भोजन भंडारा नहीं होता, केवल भक्ति और एकता पर बल दिया जाता है। युवा परिषद ने इसे ब्राह्मण एकता का माध्यम बनाया है और हर वर्ष किसी सार्वजनिक जीवन जीने वाले व्यक्ति को संयोजक नियुक्त किया जाता था। इस वर्ष से नई परंपरा के तहत अलग-अलग ब्राह्मण समाजों को संयोजन सौंपा जाएगा। इस बार संयोजन नर्मदिय ब्राह्मण समाज को दिया गया है।
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