इंदौर। अभी तक हर दो साल में बड़े पैमाने पर इंदौर में ही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाता रहा। गत वर्ष 2023 में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के साथ ही समिट भी आयोजित की गई थी, जिसमें साढ़े 15 लाख करोड़ से अधिक के प्रस्ताव मिले। हालांकि इसमें से कुछ ही धरातल पर उतर सके। अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने गृह जिले उज्जैन में 1 और 2 मार्च को इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन करवाया है, जिसकी जोर-शोर से तैयारियां शुरू हो गई। वहीं अब समय-समय पर जिला स्तरीय इन्वेस्टर्स समिट भी आयोजित की जाती रहेगी, जिसके लिए कैबिनेट कमेटी का गठन भी कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों ही उद्यमियों से प्राप्त निवेश प्रोजेक्टों और उससे जुड़े मामलों की समीक्षा बैठक में स्पष्ट कहा कि प्रदेश के हर हिस्से में उद्यम आना चाहिए, जिससे सभी जिलों का विकास हो सके। इतना ही नहीं, जिला स्तरीय समिट के छोटे-छोटे आयोजन भी होते रहें, जिससे स्थानीय उद्यमियों की समस्याएं निराकृत की जा सके और मुख्यमंत्री खुद हर दो माह में निवेश के मामलों की निगरानी के साथ उसकी समीक्षा भी करते रहेंगे। अभी कैबिनेट कमेटी का गठन भी किया गया, जिसके अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री तो हैं हीं, वहीं उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और सुक्ष्म, लघु एवं मद्यम उद्योगमंत्री चैतन्य कश्यप इस कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं। यह कमेटी निवेश संबंधित प्रस्तावों और उद्यमियों को आने वाली दिक्कतों पर चर्चा कर उनका निराकरण करेगी और इस कमेटी को राज्य मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की कमेटी के बराबर शक्तियां भी दी गई हैं।
उल्लेखनीय है कि अभी तक इंदौर में ही आधा दर्जन इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की जा चुकी है। गत वर्ष जनवरी में प्रवासी सम्मेलन के साथ तत्कालीन शिवराज सरकार ने विशाल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भी आयोजित की थी, जिसमें देश-विदेश के निवेशक और उद्यमी शामिल हुए और लगभग साढ़े 15 लाख करोड़ के प्रस्ताव भी मिले। हालांकि इनमें से कुछ ही धरातल पर उतरे। बावजूद इसके पीथमपुर, उज्जैन, सहित आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है। वैसे अभी तक आधा दर्जन समिट में 30 लाख करोड़ से अधिक के प्रस्ताव शासन को मिल चुके हैं। यह पहला मौका है जब उज्जैन में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। हालांकि इंदौर की तुलना में साधन-संसाधन, होटल से लेकर अन्य सुविधाएं नहीं हैं और सबसे बड़ी परेशानी आने वाले उद्यमियों को यह होगी कि वे हवाई जहाज से इंदौर पहुंचेंगे और फिर यहां से उन्हें सडक़ मार्ग के जरिए उज्जैन जाना पड़ेगा। 1 और 2 मार्च को यह समिट आयोजित की गई है। अब देखना यह है कि उज्जैन की समिट का आकार क्या रहता है और कितने उद्यमी शामिल होते हैं। फिलहाल तो अफसरों ने तैयारी शुरू कर दी है।
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