इंदौर (Indore)। केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को जो पीएम मित्रा पार्क प्रोजेक्ट दिया है उसमें चल रहे विकास कार्यों का जायजा लेने कल संभागायुक्त दीपक सिंह पहुंचे। भैंसोला में 2177 एकड़ जमीन पर यह पार्क विकसित किया जा रहा है, जिस पर लगभग 1670 करोड़ की राशि खर्च होगी और केंद्र सरकार ने दो चरणों में 500 करोड़ रुपए देना तय किया है। इस पार्क में अभी तक टेक्सटाइल और गारमेंट्स से जुड़ी 19 बड़ी इकाइयों ने रुचि दिखाई है और लगभग 6 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव भी प्राप्त हो चुके हैं। केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय ने देश के 7 राज्यों में ये पीएम मित्रा पार्क मंजूर किए हैं, जिसमें कपास से धागा, वस्त्र निर्माण और उनकी बिक्री, निर्यात सहित सभी कार्य एक ही स्थान पर हो सकेंगे।
संभागायुक्त सिंह ने कार्यों को तय समयसीमा में पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर इंदौर रेंज के आईजी अनुराग, कलेक्टर प्रियंक मिश्र, पुलिस अधीक्षक मनोजकुमार सिंह, कार्यपालन यंत्री एमपीआईडीसी एसएस ठेनुवा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। संभागायुक्त सिंह ने पीएम मित्रा पार्क के तहत किए जाने वाले कार्यों एवं अब तक हुए विकास कार्यों की स्थिति और प्रगति का जायजा लेते हुए आवश्यक दिशानिर्देश दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 एफ विजन (फार्म टू, फाइबर टू, फैक्ट्री टू, फैशन टू, फॉरेन) को साकार करने के लिए पीएम मित्रा पार्क विकसित किया जा रहा है। केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय ने देश के 7 राज्यों में सात पीएम मित्रा पार्क स्वीकृत किए हैं। इनमें मध्यप्रदेश में भी एक पीएम मित्रा पार्क शामिल है। इसमें कपास से धागा, धागे से वस्त्र निर्माण और तैयार वस्त्र की बिक्री एवं निर्यात का कार्य एक स्थान पर होगा। मध्यप्रदेश में पीएम मित्रा पार्क इंदौर संभाग के धार जिले में बदनावर के पास स्थित भैंसोला में लगभग 2177 एकड़ भूमि पर विकसित किया जा रहा है। इस स्थान को पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क के लिए सर्वाधिक अनुकूल मानते हुए इसे चयनित किया गया है।
पार्क की भूमि एमपीआईडीसी के आधिपत्य में है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1670 करोड़ रुपए है। इस पार्क के विकास के लिए केंद्र सरकार 2 चरण में 500 करोड़ रुपए की राशि प्रदान करेगी। पार्क में मध्यप्रदेश की उद्योग संवर्धन नीति में मिलने वाले समस्त लाभ उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके साथ ही भारत सरकार ने 100 करोड़ से अधिक निवेश करने वाली इकाइयों को टर्नओवर का 3 प्रतिशत (अधिकतम 15 करोड़ एवं 30 करोड़) तीन वर्ष तक प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस पार्क के लिए केंद्र और मध्यप्रदेश शासन के मध्य एक एसपीवी का गठन किया गया है, जिसमें राज्य शासन की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत एवं केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत है। टेक्सटाइल पार्क में निवेश के लिए 19 इकाइयों ने रुचि व्यक्त की है। इनके द्वारा करीब 6 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि का निवेश किया जाना प्रस्तावित है। इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग दो लाख रोजगार प्राप्त होंगे। टेक्सटाइल एवं गारमेंट सेक्टर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें अशिक्षित और अकुशल व्यक्तियों के लिए भी रोजगार के भरपूर अवसर होते हैं। इनमें 90 प्रतिशत से अधिक महिलाएं शामिल होती हैं।
इस नाते महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से भी टेक्सटाइल पार्क का बहुत महत्व रहेगा। मध्यप्रदेश शासन ने ऐसे उद्योग, जिनमें रोजगार के अवसर अन्य उद्योगों की तुलना में अधिक होते हैं, की स्थापना पर लगातार जोर दिया है। इसके फलस्वरूप देश के टेक्सटाइल एवं गारमेंट उद्योग में मध्यप्रदेश को लेकर उत्साहजनक माहौल बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि इंदौर में आयोजित हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में टेक्सटाइल उद्योगों के लिए बड़ी संख्या में निवेशकों ने भी रुचि ली थी। इस पार्क के निर्माण के लिए 6000 करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव आए हैं। इस पार्क से करीब दो लाख युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है। इस पार्क का ले-आउट बांग्लादेश और इथियोपिया में कपड़ा इकाइयों वाले उद्योगों से लिए सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। इस पार्क में कताई, बुनाई, प्रोसेसिंग, रंगाई, छपाई और परिधान निर्माण जैसी गतिविधियां होंगी। इस पार्क के माध्यम से लागत को कम किया जाकर वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कपड़ा क्षेत्र की मूल्य शृंखला को मजबूत करते हुए भारत को वैश्विक वस्त्र मानचित्र पर मजबूती प्रदान करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश के कपड़ा उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए पीएम मित्रा मेगा टेक्सटाइल पार्क योजना की शुरुआत की।
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