नई दिल्ली। नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) खाताधारकों को जल्द एक और सहूलियत मिलने वाली है। पेंशन नियामक पीएफआरडीए अपने सब्सक्राइबर को साल में चार बार एनपीएस प्लान में बदलाव की छूट दे सकता है।
पीएफआरडीए के चेयरमैन सुप्रतिम बंधोपाध्याय ने मंगलवार को बताया कि अभी निवेशक एनपीएस की अपनी योजना में हर साल दो बार बदलाव कर सकते हैं। कई निवेशकों ने इसमें और बदलाव की मांग की थी। लिहाजा हम जल्द ही अपने सब्सक्राइबर को हर साल चार बार बदलाव की छूट देने जा रहे हैं।
उद्योग संगठन एसोचैम के वेबिनार में पीएफआरडीए प्रमुख ने कहा कि एनपीएस आपके लिए पेंशन फंड उपलब्ध कराने वाला लंबी अवधि का निवेश विकल्प है। इसे म्यूचुअल फंड के विकल्प के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। निवेशकों को बेहतर रिटर्न के लिए थोड़ा इंतजार करना चाहिए।
ऐसे बदलाव कर सकेंगे
निवेशक एनपीएस में लगे पैसों को सरकारी प्रतिभूतियों, डेट विकल्पों, शॉर्ट टर्म डेट फंड और इक्विटी में निवेश के लिए बांट सकते हैं। हालांकि, सरकारी कर्मचारी इक्विटी में ज्यादा हिस्सा नहीं लगा सकते हैं जबकि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को इक्विटी में 75 फीसदी हिस्सा निवेश करने की छूट रहती है। इस बदलाव से निवेशकों को समय-समय पर अलग निवेश विकल्प चुनने की आजादी मिलेगी, जिससे वे बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकेंगे।
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