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10 हजार करोड़ से ज्यादा का इन्वेस्ट..20 हजार युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार

March 02, 2024

  • स्थानीय औद्योगिक सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा उज्जैन के बाद प्रदेश के अन्य स्थानों में भी होंगी रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव

उज्जैन। इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में विक्रम महोत्सव के तहत शुक्रवार को दो दिवसीय स्थानीय औद्योगिक सम्मेलन का आयोजन शुरू हो गया। शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सम्मेलन में आए देशी-विदेश उद्योगपतियों का स्वागत करते हुए कहा कि उनके सहयोग से इस समिट में 10 हजार करोड़ से अधिक का औद्योगिक इन्वेस्ट होने जा रहा है। इससे यहाँ के 20 हजार से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। ऐसे में आयोजन प्रदेश के अन्य जिलों में भी किए जाएँगे।



दो दिवसीय स्थानीय औद्योगिक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उज्जैन के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद प्रदेश में जबलपुर, रीवा और ग्वालियर में भी रीजनल कॉन्क्लेव आयोजित की जाएंगी। कॉन्क्लेव के दौरान ही औद्योगिक इकाईयों के लोकार्पण और भूमि पूजन भी किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की जीडीपी ग्रोथ अनेक देशों को आश्चर्यचकित कर रही है। दुनिया हमारी तरफ उम्मीद की नजरों से देख रही है। भारत के उद्योगपतियों के साथ करीब 140 करोड़ नागरिक भी राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।

11वें से 5 क्रम पर आ गई अर्थव्यवस्था
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नई तकनीक का उपयोग करते हुए देश की अर्थव्यवस्था लगातार नये आयाम छू रही है। एक समय भारत अर्थव्यवस्था के मामले में 11वें नंबर पर था जो अब 5वें नंबर पर आ गया है। इस क्रम में निरंतर सुधार की कड़ी में आज की यह समिट भी अहम योगदान निभाएगी। उज्जैन के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में अनेक औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधि आए हैं। उज्जैन कॉन्क्लेव से करीब 1 लाख करोड़ के व्यवसाय और उद्योग का इतिहास बन रहा है। करीब 250 औद्योगिक परियोजनाओं में भूमि का आवंटन किया गया है। करीब 20 हजार से अधिक लोगों को नई इकाइयों से प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

लोकार्पण और भूमि पूजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कुल 10 हजार 64 करोड़ रुपए लागत की 61 इकाइयों का सिंगल क्लिक से भूमिपूजन और लोकार्पण किया। ये इकाइयां प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थापित की गई हैं। साथ ही नई इकाइयां भी प्रारंभ हो रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विक्र उद्योगपुरी जिला उज्जैन में भी नई इकाइयों का लोकार्पण किया।

प्रदेश में 3 दर्जन क्लस्टर हैं स्थापित
सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप ने कहा प्रदेश में करीब 35 क्लस्टर स्थापित हैं। मध्य प्रदेश में क्षेत्र-विशेष में विशेष औद्योगिक उत्पादन की परंपरा रही है। मध्य प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने वाली नीतियां हैं। एमएसएमई विभाग द्वारा 40 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी का मॉडल लोकप्रिय बनेगा। मध्य प्रदेश में निवेश के लिए उद्योगपतियों को पूर्ण सहयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के संतुलित विकास के लक्ष्य और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयासों से औद्योगिक क्षेत्र समृद्ध होगा। मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा ने कहा कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए प्रचूर संसाधन हैं, व्यापक वन क्षेत्र है। अनेक कृषि उत्पादनों ने मध्यप्रदेश अग्रणी है। कॉन्क्लेव के माध्यम से निवेश संभावनाओं को साकार करने में सहयोग मिलेगा। इन्वेस्ट मध्य प्रदेश के अंतर्गत दो दिवसीय रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव के शुभारंभ अवसर पर प्रारंभ में मध्यप्रदेश इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के एमडी चंद्रमौली शुक्ला ने शाल और अंग वस्त्र द्वारा आमंत्रित निवेशकों का स्वागत किया।

283 इकाइयों को हाथोंहाथ दिए भूमि आवंटन-पत्र
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आयोजन के दो सत्र पूर्ण होने के बाद यहाँ आए उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा की और फिर उन्होंने 283 इकाइयों को 508 हेक्टेयर भूमि के लिए आवंटन-पत्र प्रदान किए। इन इकाइयों द्वारा कुल 12 हजार 170 करोड रुपए से अधिक का निवेश कर 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा सकेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने औद्योगिक इकाइयों के पदाधिकारियों को प्रतीक स्वरूप भूमि आवंटन-पत्र प्रदान किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा पीएम कुसुम योजना में भी उद्योगपतियों को स्वीकृति पत्र प्रदान किए गए। यह योजना नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण योजना है।

मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगी प्रदेश सरकार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज भारत की विश्व में गरिमा बढ़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अतीत का स्मरण करें तो सम्राट विक्रमादित्य ने जब संवत व्यवस्था प्रारंभ की तो उन्होंने अपने शासन के संपूर्ण भूभाग में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का न सिर्फ कर्ज माफ करवाया बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए अतिरिक्त सहायता भी दिलवाई। केवल शक्ति के बल पर शासन व्यवस्था खड़ी नहीं की जा सकती। इसके लिए बड़े मन का बड़ा होना भी आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार भी उज्जैन में इन्वेस्ट करने वाले उद्योगपतियों का न केवल सहयोग करेगी, बल्कि उनके मार्गदर्शक की भूमिका भी निभाएगी। किसी भी उद्योगपति को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य पर लघु फिल्म का प्रदर्शन
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव और औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश की अपार संभावनाएँ हैं। मध्यप्रदेश के औद्यगिक परिदृश्य पर आधारित लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। कॉन्क्लेव में संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व मंत्री धर्मेंद्र लोधी सहित जन-प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। अनेक जनप्रतिनिधि प्रदेश के विभिन्न स्थानों से वर्चुअली जुड़े।

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