नई दिल्ली। सुरक्षा के मद्देनजर सेबी ने फंड हाउसों से कहा है कि वे निवेशकों को डायरेक्ट प्लान में निवेश की सुविधा बिना वितरकों की मदद के दें। इसके लिए एग्जिक्यूशन वोनली प्लेटफॉर्म भी है। इस पर डायरेक्ट प्लान का लेनदेन हो सकता है। नया ढांचा एक सितंबर से लागू होगा।
सेबी ने मंगलवार को कहा, पिछले कुछ वर्षों से म्यूचुअल फंड की डायरेक्ट प्लान स्कीम में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। यह स्कीम रेगुलर प्लान की तुलना में सस्ती है क्योंकि वितरकों को कमीशन नहीं मिलता है। इस वजह से ढेर सारे प्लेटफॉर्म मशरूम की तरह इस सुविधा को देने के लिए बाजार में आ गए हैं। सेबी ने पाया कि निवेश सलाहकारों के साथ तमाम संस्थान और स्टॉक ब्रोकर्स फंड खरीदने और बेचने की सुविधा दे रहे हैं। इस तरह के प्लेटफॉर्म पर वे निवेशक भी आते हैं जो उनके ग्राहक नहीं हैं। अभी इस तरह के प्लेटफॉर्म के लिए कोई नियामकीय ढांचा नहीं है।
सुभाष चंद्रा ने सेबी के आदेश को दी चुनौती
एस्सेल समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा व जी इंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लि. (ZEEL) के प्रबंध निदेशक-सीईओ पुनीत गोयनका ने सेबी के अंतरिम आदेश को प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) में चुनौती दी है। सेबी ने अपने आदेश में दोनों को किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक या अन्य प्रमुख प्रबंधकीय पद लेने से रोक लगा दिया है। सूत्रों बताया कि सैट बृहस्पतिवार को सुनवाई कर सकता है।
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