नई दिल्ली । भारत (India) में नौकरीपेशा लोग (working people) 50 से 65 साल की उम्र के बीच रिटायर होते हैं. अधिकतर लोग नौकरी के दौरान ही रिटायरमेंट (Retirement) के बाद के लिए प्लानिंग करना शुरू कर देते हैं. ताकी जिंदगी की उनकी दूसरी पारी भी शानदार तरीके से गुजरे. बुढ़ापे में आपको किसी के ऊपर आर्थिक रूप से निर्भर नहीं रहना पड़े. इसके लिए आपको नौकरी के दौरान ही फइनेंसियल प्लानिंग (Financial Planning) कर लेनी चाहिए. इसके लिए जरूरी है कि आप सही जगह पर निवेश करें. इन दिनों लोग बड़ी संख्या में सरकारी पेंशन स्कीम (NPS) में निवेश कर रहे हैं.
लॉन्ग टर्म निवेश प्लान
नेशनल पेंशन स्कीम को शुरुआत में सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए पेश किया गया था. बाद में इसे सभी के लिए खोल दिया गया. NPS एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान है. इस स्कीम में आपको दो प्रकार के अकाउंट टियर-I और टियर-II में निवेश करने के ऑप्शन मिलते हैं. NPS में 18 साल से लेकर 60 साल की उम्र तक के लोग निवेश की शुरुआत कर सकते हैं.
दोनों टियर में अंतर
अगर NPS में आप निवेश करना चाहते हैं, तो सबसे पहले टियर-I में अकाउंट में ओपन करना होगा. इसके बाद ही आप टियर-II अकाउंट खोल सकते हैं. टियर-II अकाउंट खोलने के लिए आपको मिनिमम 1000 रुपये से निवेश की शुरुआत करनी होगी.
NPS टियर-II अकाउंट एक तरह से सेविंग अकाउंट (Saving Account) की तरह है. इसमें आप कभी भी अपने हिसाब से पैसे जमा कर सकते हैं और अपनी जरूरत के हिसाब से निकाल भी सकते हैं. आप चाहें तो एक ही बार में पूरी रकम भी निकाल सकते हैं. टियर-II में आपको साल में पैसा जमा करने की बाध्यता नहीं होती है. वहीं, NPS टियर-I में आपको साल में एक बार पैसा जमा करना जरूरी होता है.
NPS टियर-I
NPS टियर-I को रिटायरमेंट के मुताबिक डिजाइन किया गया है. इसके तहत 500 रुपये के निवेश के साथ अकाउंट ओपन कराया जा सकता है. रिटायरमेंट के बाद आप NPS के टियर-I अकाउंट से एक बार में 60 फीसदी तक की राशि आसानी से निकाल सकते हैं. बाकी की 40 फीसदी की राशि से आपको एन्यूटीज (Annuties) खरीदनी पड़ती है. एन्यूटी की रकम ही आपको हर महीने पेंशन के रूप में मिलती है.
टैक्स बेनिफिट में अंतर
दोनों अकाउंट पर मिलने वाले इनकम टैक्स में बड़ा फर्क है. टियर-I अकाउंट के मामले में अकाउंट होल्डर को इनकम टैक्स एक्ट 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक और 80सीसीडी (1बी) के तहत 50 हजार रुपये के टैक्स डिडक्शन का बेनिफिट मिलता है.
वहीं, NPS टियर-II किसी भी तरह टैक्स में छूट नहीं मिलती है. सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारी ही NPS टियर-II अकाउंट पर टैक्स बेनफिट ले सकते हैं. हालांकि, उनके लिए भी शर्त तय की गई है. सरकारी कर्मचारियों को टैक्स बेनिफिट लेने के लिए निवेश की राशि पर तीन साल के लिए लॉकिंग पीरियड लग जाएगा.
NPS टियर-I अकाउंट से निकासी की पूरी रकम को टैक्स से छूट मिलती है. वहीं, NPS टियर-II अकाउंट से पैसे निकालते हैं तो निकासी की रकम को टैक्सेबल इनकम (Taxable Income) माना जाता है.
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