बेंगलुरु । हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahidin) के गिरफ्तार आतंकवादी (Arrested Terrorist) तालिब हुसैन (Talib Husain) की गतिविधियों (Activities) की जांच में खुलासा हुआ है (Investigation Revealed) कि वह एक अलग नाम से (Under A Different Name) बेंगलुरू की एक मस्जिद में (In A Bangalore Mosque) तीन साल से रह रहा था (Lived from Three Years) और उसने भड़काऊ भाषण दिया था (Gave Provocative Speech) ।
सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के एक पुलिसकर्मी की पत्नी के साथ कथित तौर पर भाग जाने के बाद वह तालिक के नाम से राज्य की राजधानी में रहता था। सूत्रों ने यह भी कहा कि वह बेंगलुरु के ओकालीपुरम की एक मस्जिद में रुका और भड़काऊ भाषण दिया था। हालांकि, मस्जिद के अधिकारियों ने इस आरोप से इनकार किया है और कहा है कि उन्होंने उसे केवल आश्रय दिया था। मस्जिद के प्रबंधन ने पुलिस को बताया है कि उन्हें पता था कि वह जम्मू-कश्मीर से आया है। अभी मामले की जांच की जा रही है।
मस्जिद के अधिकारियों ने पुलिस को बताया कि दूसरे लॉकडाउन के दौरान तालिब हुसैन अपनी पत्नी और एक बच्चे के साथ मस्जिद आए थे। उसने उनसे कहा था कि उसके पास खाने के लिए खाना नहीं है और उन्होंने उसे बिना किराए के मस्जिद के एक कमरे में रहने दिया। मस्जिद के अधिकारियों ने पुलिस को यह भी बताया है कि हुसैन ने पहले एक घर किराए पर लिया था और वह किसी भी संदिग्ध गतिविधियों में शामिल नहीं था।
जम्मू-कश्मीर के सशस्त्र बलों ने एक संयुक्त अभियान में कर्नाटक पुलिस के साथ हुसैन को गिरफ्तार किया। सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन को राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) और केंद्रीय सशस्त्र रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने स्थानीय बेंगलुरु पुलिस की मदद से संयुक्त रूप से चलाया। ऑपरेशन 3 जून को किया गया था और यह घटना हाल ही में सामने आई है। गिरफ्तार आतंकवादी हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी संगठन के एक प्रमुख व्यक्ति में से एक था और उसने कथित तौर पर कमांडर के रूप में काम किया था। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने मीडिया को इस मामले की पुष्टि की।
सूत्रों ने बताया कि तालिब हुसैन नागासेनी तहसील के किश्तवाड़ जिले के रहने वाले हैं। वह 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के संगठन में शामिल हुआ था और उसकी दो पत्नियां और पांच बच्चे हैं। तालिब हुसैन की गिरफ्तारी के साथ ही बेंगलुरू के आतंकियों और देश विरोधी ताकतों के लिए स्लीपर सेल होने की बहस एक बार फिर सामने आ गई है। इस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि तालिब हुसैन बिना खुफिया एजेंसियों के रडार में आए बिना 3 साल कैसे रह सकता है।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को कहा कि पुलिस विभाग शहर में लोगों पर नजर रखेगा। बोम्मई ने कहा, “जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कार्रवाई की है और कर्नाटक पुलिस ने अभियान के लिए हर संभव सहयोग दिया है। इसी तरह की गिरफ्तारियां पहले भी राज्य के सिरसी शहर भटकल में की जा चुकी हैं।”
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