नई दिल्ली: केंद्रीय जांच एजेंसी NIA (Central Investigation Agency NIA) को फुलवारी शरीफ मामले (Phulwari Sharif case) की तफ्तीश सौंप दी गई. गृह मंत्रालय (home Ministry) ने इस बाबत नोटिस जारी कर दिया है. अब फुलवारी शरीफ मसले में PFI संस्था द्वारा संदिग्ध गतिविधियों और पाकिस्तान समेत कई अन्य देशों से जुड़े कनेक्शन के आरोपों की विस्तार से एनआईए तफ्तीश करेगी. जल्द ही एनआईए इस मामले को औपचारिक तौर पर दर्ज करके विस्तार से जांच में जुट जाएगी.
शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) से इस मामले की जांच के लिए एनआईए औपचारिक निर्देश भेज दिया गया. दरअसल इस मामले में पिछले कुछ दिनों पहले अतहर परवेज और जलालुद्दीन नाम के दो आरोपियों को केंद्रीय खुफिया एजेंसी आईबी (IB) के इनपुट्स के आधार पर फुलवारी शरीफ की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उन दोनों की गिरफ्तारी के बाद जैसे-जैसे तफ्तीश का दायरा आगे बढ़ने लगा.
कई बड़े इनपुट्स सामने आने लगे. लिहाजा, उन तमाम मामलों की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) को जांच का जिम्मा सौंपा गया. एनआईए इस मामले में आतंकी गतिविधियों से जुड़े मामले की तफ्तीश करेगी, जबकि प्रवर्तन निदेशालय की टीम PFI संगठन से जुड़े उसके विदेशी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की जांच करेगा. इस मामले में दर्ज एफआईआर में 26 आरोपियों की भूमिका सामने आई है.
ये ‘ऑपरेशन 2047’ साजिश के तहत बिहार के फुलवारी शरीफ में प्रारंभ की गई थी, लेकिन इस साजिश से जुड़े जाल का कनेक्शन बिहार के कई जिलों के साथ साथ उत्तर प्रदेश, केरल, नई दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित कई अन्य राज्यों से जुड़ता हुआ प्रतीत हो रहा है.
हालांकि कई साल पहले ही केंद्रीय खुफिया एजेंसी आईबी और मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारियों द्वारा फुलवारी शरीफ को आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाला बेहद सुरक्षित और संदिग्ध स्थान बताया गया था. अभी तक की जांच में आरोपी मरगुव अहमद उर्फ ताहिर के अल्फलाही नाम के वॉट्सऐ ग्रुप को खंगालने के बाद जिस तरह से इनपुट सामने आए हैं, उससे साफ पता चलता है कि कैसे भारत-नेपाल, पाकिस्तान से जुड़े मदरसों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े लोगों और उसकी भूमिका सामने आ रही है
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